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चेन्नई : द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि ने दूरसंचार एवं रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई सीमा बढ़ाने का विरोध करते हुए आज कहा कि लोक सभा चुनावों से पहले सरकार द्वारा किये गये ये फैसले उसके लिए ठीक नहीं होगें।
उन्होंने कहा, ‘केंद्र के आर्थिक खस्ताहाली में सुधार के लिये अपनाये जा रहे इन तरीकों से स्थिति में कोई सुधार नहीं होगा और कई तरह की समस्याएं पैदा होंगी।’ संप्रग सरकार ने मंगलवार को सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिये दर्जन भर क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ाने का फैसला किया जिसमें दूरसंचार क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई और बीमा व रक्षा क्षेत्र में निवेश सीमा बढ़ा दी गई।
करुणानिधि ने पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में कहा दूरसंचार क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी मिलने से विदेशी कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ स्थापित संयुक्त उद्यम में पूर्ण नियंत्रण हासिल हो जायेगा जिससे भारतीय कंपनियों को झटका लगेगा। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सरकारी कंपनी बीएसएनएल पिछले कुछ साल से पहले ही नुकसान में चल रही है लेकिन केंद्र सरकार विदेशी कंपनियों की आय बढ़ाने के उपाय कर रही है।
बीमा क्षेत्र में केंद्र ने एफडीआई सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का फैसला किया जबकि संसद की स्थाई समिति ने इसके खिलाफ सुझाव दिया था और यदि यही करना था तो संसदीय समिति की क्या जरूरत है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली बैठक में इस क्षेत्र में स्वत: स्वीकृति मार्ग के तहत एफडीआई सीमा को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का फैसला किया गया है। (एजेंसी)