एफसीआई के गोदामों से गेहूं के खुले बाजार में ब्रिकी को अनुमति
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एफसीआई के गोदामों से गेहूं के खुले बाजार में ब्रिकी को अनुमति

सरकार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से गेहूं खुले बाजार में बेचेगी। सरकार ने कीमतों पर नियंत्रण पाने के अपने कदमों के तहत यह फैसला किया है। इससे पहले पिछले महीने उन राज्यों में गरीबी की रेखा से नीचे और गरीबी की रेखा से ऊपर के परिवारों को राशन की दुकान से नियंत्रित मूल्य पर जिंस सुलभ कराने के लिए केंद्र ने 50 लाख टन गेहूं जारी करने का निर्णय किया था जहां अभी खाद्य सुरक्षा कानून लागू नहीं है।

नई दिल्ली : सरकार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से गेहूं खुले बाजार में बेचेगी। सरकार ने कीमतों पर नियंत्रण पाने के अपने कदमों के तहत यह फैसला किया है। इससे पहले पिछले महीने उन राज्यों में गरीबी की रेखा से नीचे और गरीबी की रेखा से ऊपर के परिवारों को राशन की दुकान से नियंत्रित मूल्य पर जिंस सुलभ कराने के लिए केंद्र ने 50 लाख टन गेहूं जारी करने का निर्णय किया था जहां अभी खाद्य सुरक्षा कानून लागू नहीं है।

खाद्य सचिव सुधीर कुमार ने ट्वीट किया कि सरकार केंद्रीय पूल से खुले बाजार ब्रिकी के लिए गेहूं की पेशकश करेगी। खुले बाजार में गेहूं जारी करने की योजना के तहत बफर स्टक से उपर पड़े स्टाक से माल निकाला जाता है। इसकी बिक्री रोलर आटा मिलों जैसे थोक खरीदारों को की जाती है। इससे एफसीआई के पास नया स्टाक रखने के लिए जगह भी बनती है।

पिछले वित्त वर्ष में पंजाब और हरियाणा के सरकारी गोदामों से थोक ग्राहों को निविदा के जरिए बिक्री के लिए 95 लाख टन गेहूं आवंटित किया गया था। इसके अलावा पांच लाख टन गेहूं राज्यों, केंद्र शासित क्षेत्रों और सहकारी संस्थाओं को खुदरा बिक्री के लिए आवंटित किया गया था। इसके लिए आरक्षित कीमत 1,500 रपए प्रति क्विंटल तय थी। इस माह के शुरू में एफसीआई के पास 3.98 करोड़ टन गेहूं का स्टाक था जबकि बफर नियमों के तहत उस समय 2.01 करोड़ टन का स्टाक पर्याप्त था।

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