जम्‍मू कश्मीर बाढ़: 50000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया, लाखों अब भी हैं फंसे
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जम्‍मू कश्मीर बाढ़: 50000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया, लाखों अब भी हैं फंसे

बाढ़ प्रभावित जम्मू एवं कश्मीर में 50,000 से अधिक लोगों को अब तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, वहीं अब भी लाखों लोग अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। हालांकि, बुधवार को नदियों का जलस्तर कम हुआ है। राहत और बचाव कार्य में बुधवार को और तेजी लाई गई है।

जम्‍मू कश्मीर बाढ़: 50000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया, लाखों अब भी हैं फंसे

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

श्रीनगर : बाढ़ प्रभावित जम्मू एवं कश्मीर में 50,000 से अधिक लोगों को अब तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, वहीं अब भी लाखों लोग अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। हालांकि, बुधवार को नदियों का जलस्तर कम हुआ है। राहत और बचाव कार्य में बुधवार को और तेजी लाई गई है। रेस्‍क्‍यू में सेना, वायुसेना, मरीन कमांडो और एनडीआरएफ जी जान से जुटी हैं। वहीं, 61 हेलीकॉप्‍टर भी राहत कार्य में लगे हैं। सेना और वायुसेना ने फंसे लोगों को निकालने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।  
 
जानकारी के अनुसार, जम्‍मू कश्‍मीर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब भी करीब चार लोख लोग फंसे हैं। इन लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए जबरदस्‍त तरीके से रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। कुछ स्‍थानों पर सेना और सीमा सड़क संगठन ने सड़कें बनाई हैं। वहीं, श्रीनगर-लेह हाइवे को खोल दिया गया है। वहीं, बाढ़ के हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद निगरानी रख रहे हैं।  

राज्य के इतिहास में पिछले 60 वर्ष में आई भीषणतम बाढ़ से तबाह हुई सड़कों और संचार व्यवस्था को कायम करने में सरकारी एजेंसियां जुट गई हैं। बाढ़ से करीब 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी हैं।

बीते सात दिनों से बाढ़ से जूझ रहे कश्मीर के लिए सेना, वायुसेना और नौसेना के जवान किसी फरिश्‍ते से कम नहीं हैं। अभी तक 50 हजार लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकाला जा चुका है। राहत अभियान और लोगों को निकालने का कार्य दिन-रात चल रहा है। डेढ़ लाख से अधिक सैनिक राहत अभियान में लगे हुए हैं। श्रीनगर में ही अभी भी लाखों लोग राहत और सहायता के इंतजार में हैं। डल झील के पानी के स्तर के बढ़ने के कारण नया खतरा पैदा होने लगा है।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लाखों लोगों को बचाने के लिए व्यापक अभियान बुधवार को भी जारी रहा। वायुसेना के हेलीकॉप्टर और मालवाहक विमान जलमग्न इलाकों तक राहत कर्मियों और राहत सामग्रियों को पहुंचाने के लिए रातभर लगातार उड़ान भरते रहे। जलमग्न श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर इलाके में करीब चार लाख लोग फंसे हैं। बाढ़ से राज्य में अब तक 200 से अधिक लोगों के मरने की खबर है।

अधिकारियों ने बताया कि राजौरी, पुंछ, रियासी, माहोर, डोडा और किश्तवाड़ क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए सात हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। केंद्र ने नौकाओं तथा अन्य राहत सामग्री के साथ एनडीआरएफ की और टीमें कश्मीर घाटी भेजी हैं। बाढ़ प्रभावित उत्तरी कश्मीर से सेना और वायुसेना ने आज सात विदेशी नागरिकों को भी बचाया है।

जम्मू कश्मीर में पिछले छह दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ में विपदा का सामना कर रहे कुछ लोगों ने मकानों की छतों पर शरण ले रखी है। गत मंगलवार से हुई मूसलाधार मानसूनी बारिश के बाद बाढ़, भूस्खलन और मकानों के गिरने की घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़ी है। अधिकारी रविवार की दोपहर से टूट चुके दूरसंचार संपर्कों को बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे हैं और चरणबद्ध तरीके से उसके बहाल होने की उम्मीद है। एक अधिकारी ने बताया कि घाटी में बचाव गतिविधियों में बाधक के तौर पर जो बड़ी समस्या आ रही है वह है दूरसंचार संपर्क का काम नहीं करना। दूरसंचार विभाग जल्द से जल्द संपर्क को बहाल करने का पूरा प्रयास कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि नौकाओं की कमी बचाव अभियानों को प्रभावित कर रही है।

जम्मू में रक्षा प्रवक्ता कर्नल एसडी गोस्वामी ने बताया कि वायुसेना के कुल 61 हेलिकॉप्टरों और मालवाहक विमानों ने लोगों को निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए अब तक लगातार 451 उड़ानें भरी है। वहां तकरीबन एक लाख जवान बचाव अभियानों में लगे हुए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के बाद अब भी चार लाख लोगों के फंसे होने का अनुमान है। जीओसी 15 वीं कोर के लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने कहा कि हालांकि मौसम की स्थिति में अब सुधार हो रहा है और श्रीनगर तथा दक्षिण कश्मीर के अन्य शहरों में जलस्तर कम हुआ है। उन्होंने कहा कि मौसम साफ हुआ है और हेलिकॉप्टर अभियानों की तीव्रता बढ़ी है। श्रीनगर में जलस्तर कुछ स्थानों पर 1.5 से तीन फुट तक कम हुआ है लेकिन हम उत्तर की तरफ जलस्तर में वृद्धि देख रहे हैं। डल झील में जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है। डल झील में बाढ़ के पानी का स्तर बढ़ता दिखाया गया है और यह पानी हजरतबल दरगाह परिसर के आस-पास मैदान में प्रवेश कर गया है।

रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों, आईएएस और एनडीआरएफ द्वारा जम्मू कश्मीर में व्यापक राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है। सेवा में आज और हेलिकॉप्टरों और नौकाओं को लगाया गया और राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। उन्होंने बताया कि सशस्त्र बलों और एनडीआरएफ ने अब तक 47 हजार 227 लोगों को जम्मू कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों से बचाया है। उन्होंने कहा कि तकरीबन एक लाख सैनिक अभियान में लगे हुए हैं। यद्यपि सेना की 135 नौकाओं और एनडीआरएफ की 148 हवा वाली नौकाओं को सेवा में लगाया गया है।

उधर, सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग आज बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए श्रीनगर जाएंगे। यहां वह बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित कश्मीर घाटी में सशस्त्र बलों द्वारा चलाए जा रहे बचाव एवं राहत अभियान का जायजा लेंगे। रक्षा सूत्रों ने बताया कि सेना प्रमुख श्रीनगर का दौरा करेंगे और सेना तथा एनडीआरएफ के शीर्ष अधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करेंगे। वह सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ द्वारा चलाए जा रहे राहत और बचाव अभियानों का भी जायजा लेंगे और जीओसी इन कमांड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा उन्हें स्थिति की जानकारी देंगे। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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