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नई दिल्ली : मुंबई में सोमवार को पुलिस और मीडिया पर हमला करने वाले दंगाइयों को लेकर लोकसभा में आज लगातार दूसरे दिन हंगामा हुआ और विपक्ष और सत्ता पक्ष , दोनों के सदस्यों ने दंगाइयों को पकड़ने और केंद्रीय गृह मंत्री से इस बारे में सदन में बयान देने की मांग की।
इस मुद्दे पर हंगामे के चलते एक बार के स्थगन के बाद दोबारा सदन के बैठने पर शिवसेना के अनंत गीते ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि असम के कोकराझार और म्यांमा में मुसलमानों के साथ हुई घटनाओं के विरोध में रजा अकादमी और कुछ अन्य मुस्लिम संगठनों ने मुंबई में शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया था लेकिन इसमें मीडिया और पुलिस को खासतौर से निशाना बनाया गया।
उन्होंने कहा कि हमले में पुलिस के बहुत सारे वाहनों सहित मीडिया की ओबी वैन भी जलायी गयीं। शिवसेना सदस्य ने कहा कि मुंबई में हुई घटना के दुष्परिणाम सारे देश में हो सकते हैं और लगता है कि इस दंगे में शामिल संगठन ऐसा ही चाहते हैं।
गीते ने इस बात पर खेद प्रकट किया कि घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद भी भारत सरकार या केंद्रीय गृह मंत्री की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है।
उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता का पता इसी से चलता है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने शनिवार की घटना में विदेशी ताकतों का हाथ होने की आशंका जतायी है जबकि पुलिस का कहना है कि इसमें अंडरवर्ल्ड का हाथ हो सकता है।
गीते ने जानना चाहा कि डेढ़ दो हजार की अनुमानित भीड़ कैसे 50 हजार से अधिक लोगों में बदल गयी और उस भीड़ में काफी सारे लोग पत्थर , पेट्रोल , डंडे और रॉड लेकर कैसे पहुंच गए ? उन्होंने इसे खुफिया तंत्र की गंभीर कमी बताया। (एजेंसी)