नई दिल्लीः अभी तक महाराष्ट्र की सीएम गद्दी के लिए कई-कई तरह के दावे और वादों का दौर चल रहा था, लेकिन अब लगता है कि इस मसले पर पार्टी प्रमुखों ने मौन साधने का सिलसिला शुरू कर दिया है. बुधवार को राजधानी दिल्ली में यही नजारा देखने को मिला. जब संसद सत्र में हिस्सा लेने पहुंचीं कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से पत्रकारों ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बारे में पूछा तो वह नो कमेंट्स कहकर आगे बढ़ गईं.
महाराष्ट्र के सवाल पर सोनिया बोलीं, नो कमेंट्स
शिवसेना अपने गठबंधन दल से अलग होकर भी अभी तक सरकार बनाए जाने का दावा कर रही है, लेकिन ऐसा हो सकने के आसार नहीं दिख रहे हैं. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस तीनों ही अभीतक हर रोज कोई न कोई सियासी बयान देकर हलचल मचाती रही हैं. जब भी कभी लगता है कि अब सरकार बनाने का रास्ता साफ है, कोई न कोई गतिरोध आ खड़ा होता है.
फिलहाल 12 नवंबर से तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. कहा जा रहा है कि तीनों दलों के बीच सरकार निर्माण की आखिरी सहमति के लिए बैकडोर से बातचीत जारी है. हालांकि, संसद भवन में जब पत्रकार कांग्रेस अध्यक्ष से महाराष्ट्र के भविष्य पर सवाल करने के लिए जुटे तो सोनिया ने 2 शब्द 'नो कॉमेंट्स' कहकर अटकलों को और हवा ही दे दी.
इससे पहले शरद पवार भी कह चुके हैं ऐसा ही कुछ
बुधवार को शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और सियासी गली में यह मुलाकात चर्चा का विषय है. इससे पहले शरद पवार ने बेहद चौंकाने वाला और रहस्यमय बयान दे दिया. शरद पवार ने यह बयान देकर कि सोनिया गांधी से सरकार बनाने को लेकर उनकी कोई चर्चा नहीं हुई है एक नई बहस छेड़ दी है. यह बयान कांग्रेस के साथ-साथ शिवसेना के लिए भी परेशान करने वाला था.
जब पवार से पूछा गया कि शिवसेना के साथ सरकार बनाने के क्या तैयारी है तो उन्होंने कहा- मुझे नहीं पता भाजपा-शिवसेना से पूछो, दोनों साथ थे. इस तरह सरकार बनाने में समर्थन दे रही एनसीपी अब चुप रहने के मोड में आ गई है.
कुछ नए समीकरण भी उभर रहे हैं
महाराष्ट्र की राजनीति किस दिशा में जा रही है, पता नहीं. लेकिन इन 25 दिनों में इस राज्य ने जितने चुनावी समीकरण दिए हैं उनमें से किसी एक से भी अभी तक सत्ता का सवाल हल नहीं हो पाया है. पांच दिन पहले चंद्रकांत पाटील (महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष) ने कहा था कि भाजपा ही सरकार बनाएगी और उन्होंने 119 विधायकों के समर्थन होने की बात कही थी.
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इससे पहले भाजपा खुद को सीएम पद की दौड़ से बाहर करार दे चुकी थी और सीएम रहे फडणवीस इस्तीफा दे चुके थे. इसके बाद बुधवार को एनसीपी प्रमुख और पीएम मोदी की मुलाकात भी कुछ नए संकेत दे रही है.
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कांग्रेस ने जताया ऐतराज
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और शरद पवार (Sharad Pawar) की बुधवार को हुई मुलाकात कांग्रेस को नागवार गुजरी है. कांग्रेस नेताओं ने इस मीटिंग पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि मुलाकात के लिए यह सही वक्त नहीं था. किसानों के मुद्दे पर हुई बैठक में अमित शाह भी मौजूद थे. कांग्रेस के सीनियर नेताओं का कहना है कि पवार की पीएम से मुलाकात का ये गलत समय है. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि गैर-बीजेपी सरकार दिसंबर के पहले सप्ताह तक बन जाएगी लेकिन अगर शिवसेना कोई साम्प्रदायिक एजेंडा अपनाएगी तो कांग्रेस सरकार से बाहर आ जाएगी.