नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में बवाल का बवंडर तेज होता जा रहा है. लेकिन इस बीच दिल्ली पुलिस ने जामिया नगर में हुए हिंसा के लिए 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इस मामले की जांच भी शुरू कर दी है.
ये स्टूडेंट नहीं, क्रिमिनल हैं
पुलिस ने जामिया नगर इलाके से जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें से कोई भी शख्स यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट नहीं है. हैरानी की बात ये है कि ये सभी क्रिमिनल बैकग्राउंड के लोग हैं. और इनमें से 3 तो बीसी यानी बैड कैरेक्टर घोषित हैं.
इस बात की जानकारी दिल्ली पुलिस ने दी है. साथ ही जामिया हिंसा की पुलिसिया जांच शुरू हो की है. दिल्ली पुलिस के एडिशनल डीसीपी कुमार ज्ञानेश ने ये भरोसा जताया है कि इस पूरी साजिश की तह तक जाया जाएगा. उन्होंने ये भी दावा किया है कि अफवाह फैलाने वालों से सख्ती के साथ निपटा जाएगा.
सीसीटीवी आधार पर हो रही है जांच
पुलिस ने ये बात स्वीकारी है कि जो फर्जी आईडी कार्ड बरामद हुए हैं, उसकी भी जांच होनी चाहिए. साथ ही CCTV के आधार पर हिंसाइयों की शिनाख्त की जा रही है. पुलिस ने इस बात को भी माना है कि ये पूरी हिंसा एक साजिश के तहत भड़काई गई है.
ज़ी मीडिया के साथ फिर बदसलूकी
जामिया में आज फिर से ज़ी मीडिया की टीम के साथ बदसलूकी हुई है. रिपोर्टिंग के लिए गए रिपोर्टर, कैमरामैन के साथ जामिया यूनिवर्सिटी के गेट पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने बदसलूकी की है. इतना ही नहीं ज़ी मीडिया के रिपोर्टर के साथ गाली-गलौच किया गया और ओबी टीम को जबर्दस्ती वहां से हटा दिया गया.
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इससे पहले भी रविवार को भी ज़ी मीडिया के रिपोर्टर के साथ हिंसा कर रहे छात्रों ने बदसलूकी की थी. ज़ी मीडिया के कैमरामैन को धक्का देकर नीचे गिरा दिया था. देशहित में कर रहे पत्रकारिता के खिलाफ भी षड्यंत्र रचने की बात सामने आ रही है. लेकिन हिंसा फैलाने वालों को उनके मकसद में कभी भी कामयाबी हासिल नहीं हो पाएगी.