चुनाव आयोग का शिकंजा, कपिल मिश्रा अगले 48 घंटे नहीं कर सकते प्रचार

चुनाव आयोग ने मॉडल टाउन से बीजेपी उम्मीदवार कपिल मिश्रा के प्रचार पर 48 घंटे की रोक लगा दी है. उन्होंने दिल्ली में मतदान के दिन की तुलना भारत पाकिस्तान के बीच मैच से की थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 25, 2020, 04:01 PM IST
    • कपिल मिश्रा अगले 48 घंटे नहीं कर सकते प्रचार
    • 8 फरवरी को बताया था भारत पाकिस्तान के बीच मुकाबला
    • चुनाव आयोग का शिकंजा
चुनाव आयोग का शिकंजा, कपिल मिश्रा अगले 48 घंटे नहीं कर सकते प्रचार

दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिये प्रचार अभियान की गति बढ़ गयी है. इसी बीच चुनाव आयोग ने भाजपा के उम्मीदवार कपुल मिश्रा पर दो दिनों तक प्रचार करने की रोक लगा दी है. कपिल मिश्रा पर यह कार्रवाई उनके एक विवादित ट्वीट की वजह से हुई है जिसमें शाहीन बाग के सीएए विरोध स्थल को 'मिनी पाकिस्तान' कहा गया था. इसके अलावा मिश्रा ने अपने एक ट्वीट में कहा था कि आठ फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में दिल्ली की सड़कों पर 'हिंदुस्तान और पाकिस्तान' का मुकाबला होगा. 

8 फरवरी को बताया था भारत पाकिस्तान के बीच मुकाबला  

 

आप से बीजेपी में आए कपिल मिश्रा के इस विवादित ट्वीट पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है. गुरुवार को कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा था कि आठ फरवरी को दिल्ली की सड़कों पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान का मुकाबला होगा. दरअसल कपिल मिश्रा ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी पर प्रहार करते हुए ट्वीट किया था कि आठ फरवरी को 'भारत और पाकिस्तान' के बीच मुकाबला है. स्पष्ट है कि कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी की तुलना पाकिस्तान से की थी और अपनी पार्टी बीजेपी को भारत कहा था.

आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री थे कपिल मिश्रा

आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा को भाजपा ने मॉडल टाउन से उम्मीदवार बनाया है. कपिल मिश्रा करावल नगर से विधायक थे, इन्होंने लंबे समय से आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था. कपिल मिश्रा लगातार आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर निशाना साध रहे हैं.

नामांकन पत्र खारिज करने की मांग कर रही थी AAP 

आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिखकर मॉडल टाउन विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी कपिल मिश्रा का नामांकन पत्र गलत ढंग से स्वीकार करने की बात कही है. आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र में दावा किया गया है कि सरकारी आवास पर रहने के दौरान बिजली, पानी और टेलीफोन खर्च से संबंधित अनिवार्य “नो-ड्यूज” सर्टिफिकेट न होने के बावजूद रिटर्निंग ऑफिसर ने कपिल मिश्रा का नामांकन पत्र स्वीकार किया है.

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