नई दिल्ली: देश बांटकर असम काटने की बात करने वाले शरजील इमाम और उसके समर्थकों के लिए बुरी खबर है. देश के खिलाफ जहरीली जुबान चलाने के लिए उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. शरजील इमाम के बयान ने ये साफ किया कि वो देश को जोड़ने नहीं बल्कि तोड़ने में यकीन रखता है.
'देशद्रोही' शरजील की साजिश बेनकाब!
शरजील की ख्वाहिश है कि वो असम को भारत से तोड़ दे. हिंदुस्तान के आम लोग तो शरजील की इस तमन्ना को तो किसी कीमत पर पूरा नहीं होने नहीं देंगे. देशद्रोह केस में जेएनयू स्टूडेंट शरजील इमाम का वॉइस सैंपल ले लिया गया है. शरजील के सैंपल का मिलान उसके भाषण से किया जाएगा.
दिल्ली पुलिस को शरजील ने वॉइस सैंपल देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद पुलिस ने अदालत के फैसले का हवाला दिया उसके बाद वो राजी हुआ. निचली अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए वॉइस सैंपल लेने की इजाजत दी.
पूरी जिदंगी जेल में रहेगा 'देशद्रोही इमाम'?
शरजील को 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया था. शरजील पर दिल्ली के जामिया और अलीगढ़ में नफरत भरे भाषण देने के आरोप हैं. शरजील को पहले पुलिस हिरासत में भेजा गया था और फिर 6 फरवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. शरजील पर आईपीसी की धारा 124ए के तहत देशद्रोह का केस दर्ज है. अगर आरोप साबित होते हैं तो उसे उम्र कैद तक की सजा हो सकती है.
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'गद्दार' शरजील का कच्चा-चिट्ठा
बिहार के जहानाबाद का रहनेवाला शरजील इमाम, JNU के सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज का छात्र है. इसने पटना के सेंट जेवियर हाईस्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली के वसंत कुंज दिल्ली पब्लिक स्कूल से हायर सेकेंडरी करने के बाद शरजील ने आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में एमटेक की डिग्री हासिल की. आईआईटी बॉम्बे में सहायक शिक्षक भी रहा.
देशद्रोह का आरोपी और जेएनयू का छात्र शरजील इमाम पर दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच का तो शिकंजा कसता जा रहा है लेकिन शरजील के देश विरोधी सपने पर सर्जिकल स्ट्राइक तब होगी. जब देश के 'गद्दार गैंग' का 'फुल एंड फाइनल' हिसाब होगा.
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