भारत की ईंधन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अमेरिका की पेशकश

ये पीएम मोदी का ही प्रताप है कि विश्व के सर्वोच्च देशों में से एक अमेरिका स्वयं ही आगे बढ़ कर भारत के लिए सहायता की पेशकश कर रहा है..क्योंकि ये पेशकश अमरीकी प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान या ऐसे ही किसी दूसरे देश को नहीं की..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 15, 2020, 06:52 AM IST
    • भारत की ईंधन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अमेरिका की पेशकश
    • भारत के सम्मान का ध्यान रखा
    • भारत-अमेरिका ईंधन समझौता सम्भव
    • व्हाइट हाउस से हुआ जारी बयान
भारत की ईंधन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अमेरिका की पेशकश

नई दिल्ली. भारतीय प्रधानमंत्री ने विश्व स्तर पर आज जो भारत राष्ट्र की छवि का निर्माण किया है उसके लिए यह देश सदा उनका ऋणी रहेगा. प्राचीन समय में भारत विश्वगुरु रहा है किन्तु उसके बाद सदियों तक विदेशी आक्रांताओं की मार झेल झेल कर भारत अपने उस चरमोत्कर्ष को बनाये न रख सका. किन्तु ईशकृपा से भारत में जन्मा है यह राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री जिसने कहा - राष्ट्र सर्वोपरि. राष्ट्र सर्वोपरि के इस नारे को मोदी ने डोनाल्ड ट्रम्प को दिया और उन्होंने उसे अमेरिका में सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया. अब अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प भारत की ईंधन-आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सहयोग का प्रस्ताव रख रहा है.

 

भारत के सम्मान का ध्यान रखा 

अमेरिका ने भारत के लिए इस ईंधन के सहयोग की दिशा में जो प्रस्ताव रखा है यदि उसकी भाषा पर गौर करें तो पाएंगे कि अमेरिका ने भारत की प्रतिष्ठा और आत्मसम्मान का ध्यान रखते हुए यह पेशकश की है. उसने सीधे शब्दों में मदद देने का प्रस्ताव या मदद लेने की अपील नहीं की बल्कि कहा 
भारत की ईंधन जरूरतों को पूरा करने में अमेरिका सक्षम है.

भारत-अमेरिका ईंधन समझौता सम्भव 

व्हाइट हाउस से यह प्रस्ताव आया इससे भारत के लिए सम्मानजनक स्थति जन्मी है कि भारत इसे स्वीकार कर लेगा और उसे अपनी तरफ से अमेरिका से ईंधन की दिशा में सहायता मांगने की आवश्यकता न होगी. इस संभावना के अंतर्गत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत की यात्रा के दौरान भारत के साथ द्विपक्षीय समझौतों में यह विषय भी सम्मान सहित सम्मिलित हो सकेगा. 

 

व्हाइट हाउस से हुआ जारी बयान 

सबसे पहले तो पहले व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने दो दिन पूर्व कहा कि भारत और अमरीका के बीच ईंधन क्षेत्र में साझेदारी की असीम संभावनाएं हैं. इस बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि भारत जितना चाहेगा, अमेरिका उसकी ईंधन की उतनी ही आपूर्ति कर सकता है. इसके उपरान्त ट्रंप के आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने व्हाइट हाउस एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार सौदे को लेकर बातचीत चल रही है.

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