दिल्ली: पवन की दया याचिका पर पांच न्यायाधीशों की पीठ सोमवार सुबह 10 बजे सुनवाई करेगी. इस सुनवाई में तय होगा कि चारों दोषियों को एक साथ फांसी हो सकती है या नहीं. बता दें कि 3 मार्च को फांसी की तारीख तय की गयी है. यदि शीर्ष अदालत पवन की याचिका ठुकरा देता है तो उसके पास केवल दया याचिका विकल्प बचेगा. निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को फांसी की सजा सुनाई गई है.
दो दिन पहले दाखिल की क्यूरेटिव याचिका
फांसी से बचने और मामले में देरी करने के जिस उद्देश्य से पवन ने मात्र दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी वो पूरा होता नहीं दिख रहा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार की शाम को दाखिल हुई क्यूरेटिव याचिका को अगले ही कार्य दिवस सोमवार को सुबह नियमित अदालत बैठने से पांच मिनट पूर्व चैम्बर में सुनवाई के लिए लगा लिया. इससे ये स्पष्ट है कि अदालत इस मामले को टालने के मूड में नहीं है.
पटियाला हाउस कोर्ट में भी सोमवार को होगी सुनवाई
पवन ने शुक्रवार की शाम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और उसके बाद शनिवार को उस याचिका को आधार बनाकर पटियाला हाउस अदालत में अर्जी देकर तीन मार्च का डेथ वारंट निरस्त करने की मांग की. पटियाला हाउस अदालत ने पवन की अर्जी पर तिहाड़ जेल प्रशासन से जवाब मांगा है। पटियाला हाउस कोर्ट में भी सोमवार को ही सुनवाई होगी.
शेष सभी दोषियों के विकल्प समाप्त
पवन को छोड़कर शेष सभी दोषियों के कानूनी विकल्प खत्म हो गये हैं. पवन गुप्ता ने इसके अलावा अभी तक राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल नहीं की है. निचली अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा सभी दोषियों को कानूनी विकल्प अपनाने के लिए दिये गये सात दिनों की अवधि समाप्त होने के बाद ही तीन मार्च का डेथ वारंट जारी किया था. पवन के अलावा बाकी के तीन दोषी मुकेश, अक्षय और विनय के कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं. तीनों की क्यूरेटिव याचिका तक सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है. इसके बाद राष्ट्रपति उनकी दया याचिका भी ठुकरा चुके हैं.
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