दिल्ली: कोरोना वायरस (कोविड-19) ने चीन के बाद अन्य देशों में भी पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. इसकी चपेट में अब तक करीब 86 हजार लोग आ चुके हैं. इस खतरनाक संक्रमण से दुनिया में करीब 2900 लोगों की मौत हो चुकी है. इससे सबक लेते हुए चीन ने अवैध वन्यजीव व्यापार पर प्रतिबंध लगाने संबंधी एक कानून प्रस्ताव पारित किया और पूर्ण रूप से चीन में वन्यजीवों के खाने पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया. बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस संक्रामक बीमारी को कोविड-19 नाम दिया है.
इससे लगेगी वन्यजीव खाने पर पाबंदी
इस कानून प्रस्ताव के मुताबिक सभी वन्यजीव संरक्षण कानून और अन्य कानूनों के मुताबिक वन्यजीव को पकड़ने, व्यापार करने और खाने पर पाबंदी लगायी जानी चाहिए. राष्ट्रीय संरक्षण की सूची में अहम पारिस्थितिकी, वैज्ञानिक व सामाजिक मूल्य वाले थलीय वन्यजीवों और अन्य थलीय वन्यजीवों को खाना मना किया जाता है.
इस संदर्भ में चीनी कानून सोसाइटी के सदस्य, पेइचिंग देश्यांग विधि कार्यालय के प्रधान आन श्यांग ने कहा कि इस कानून ने मौजूदा वन्यजीवों के संरक्षण का उल्लंघन करने वाली कार्रवाइयों की कड़ी सजा देने के अलावा यह भी स्पष्ट किया कि थलीय वन्यजीव खाने की मनाही है.
चीन से ज्यादा तेजी से दुनिया में फैला
एक अजीब तथ्य है यह जो कोरोना के वैश्विक संक्रमण को देखते हुए समझ में आया है कि कोरोना की दुनिया में फैलने की गति, उसके चीन में फैलने की गति से कहीं ज्यादा है. इस बात के दो मतलब हो सकते हैं - पहला जो सीधा अर्थ है वह यह है कि कोरोना बहुत तेजी से दुनिया में फैलता जा रहा है और अब इसे दुनिया को गंभीरता से लेना ही होगा अन्यथा यह साड़ी दुनिया के लिए घातक सिद्ध हो सकता है.
चीन छुपा रहा है आंकड़े
दूसरा अर्थ जो कोरोना की तीव्र वैश्विक गति से प्रदर्शित हो रहा है वह यह है कि चीन में कहीं कुछ गड़बड़ है. चीन पर पहले भी आरोप लगा है कि वह कोरोना के आंकड़ों में हेर-फेर कर रहा है. इसलिए कोरोना को लेकर चीन में जो शान्ति बाहर दिखाई जा रही है वह एक फैलाया हुआ भ्रम भी हो सकता है.
ये भी पढ़ें- पाकिस्तान में भी कोरोना, इकतालीस देशों में कोरोना का कहर