रिलायंस की रैंकिंग खतरे में, दूसरी कंपनी हो सकती है देश की सबसे बड़ी कम्पनी

शेयर बाजार में मची खलबली ने निवेशकों की कमर तोड़ दी है. निवेशकों को करीब 7 लाख करोड़ का घाटा हुआ है और दूसरी तरफ रिलायंस को पछाड़ कर टीसीएस के आगे निकलने के आसार हैं..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 11, 2020, 05:02 AM IST
    • रिलायंस अब नहीं नंबर वन,
    • टीसीएस बन गई देश की सबसे बड़ी कम्पनी
    • दुहरी मार झेल रहा है शेयर बाजार
    • दिन का कारोबार निराशाजनक
रिलायंस की रैंकिंग खतरे में, दूसरी कंपनी हो सकती है देश की सबसे बड़ी कम्पनी

 

नई दिल्ली. शेयर बाजार से बड़ी निराशाजनक तस्वीर सामने आ रही है. भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों को लगभग 7 लाख करोड़ का नुकसान हो गया है वहीं धनपति मुकेश अम्बानी की कम्पनी रिलायंस की भारत की सबसे बड़ी कम्पनी वाली रैंकिंग डांवाडोल सी लगती है. अब रिलायंस को पीट कर ऊपर आ सकती है देश की दूसरी बड़ी कम्पनी - टीसीएस.

 

दुहरी मार झेल रहा है शेयर बाजार 

शेयर बाजार की दुर्गति है आज कल. कोरोना वायरस और यस बैंक पर प्रतिबंध - इन दोनों का दबाव उसके सर पर है. इतना ही नहीं अब इसके ऊपर भी जब सऊदी अरब के तेल की कीमतों में कटौती की घोषणा हो गई तो जैसे शेयर बाजार में तूफ़ान आ गया. इस समाचार ने बीएसई का सेंसेक्स 1,941.67 अंक और एनएसई का निफ्टी 538 अंक नीचे गोता लगा दिया. अंकों के हिसाब से घरेलू शेयर बाजार में ये अब तक की सबसे बड़ी गिरावट थी जिससे निवेशकों को एक झटके में 7 लाख करोड़ रुपये का चूना लग गया. 

बजट के बाद फिर गिरा है सेंसेक्स

इसके पहले सेंसेक्स एक फरवरी को गिरा जब देश के आम बजट का ऐलान हुआ था. इस ऐलान के बाद से सेंसेक्स कुल मिला कर 5,088.54 यानी 12.49 प्रतिशत और निफ्टी 1,510.65 अंक यानी 12.62 प्रतिशत नीचे लुढ़क गया है. पिछले साल हालत कुछ अच्छी थी जब सेंसेक्स ने कुल मिलाकर करीब 14 प्रतिशत और निफ्टी ने 12 प्रतिशत की मजबूती दर्ज की थी.

 

दिन का कारोबार निराशाजनक 

दिन में कारोबार अच्छा नहीं रहा. दोनों सूचंकाकों सेंसेक्स और निफ्टी नीचे गिरे. सेंसेक्स 2,467 अंक और निफ्टी 695 अंक लुढ़के.  तीस शेयरों वाला बीएसई 30 सेंसेक्स अंत में पिछले बंद से 5.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 35,634.95 अंक पर बंद हुआ. उधर निफ्टी 538 अंक यानी 4.90 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करके 10,451.45 अंक पर जा कर थमा. जब शेयरों के दाम घटे तो  निवेशकों की बाजार हैसियत भी नीचे आ गई जो 6,84,277.65 करोड़ रुपये नीचे आई.

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