श्री नगरः कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. बचाव के लिए देश भर में तालाबंदी का आलम है. लोग घरों में हैं और बाहर निकलना भी पड़ रहा है तो सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो कर रहे हैं. लेकिन फिर भी कुछ लोग हैं जो इस संकट की स्थिति को नहीं समझ रहे हैं.
रोक और निषेध के बावजूद वह अपने सारे आयोजन कर रहे हैं और बिल्कुल नहीं मान रहे है. घाटी से फिर ऐसी ही खबर आई है, एक आतंकी के जनाजे में काफी भीड़ जुटी. सोचिए, एक तो मरने वाले आतंकी का जनाजा और उसमें भीड़ जुटाना. आखिर यह किस मानसिकता के लोग हैं जो आतंक को समर्थन भी दे रहे हैं और देश पर आए कोरोना संकट को बढ़ाने में भागीदारी दे रहे हैं.
आतंकी नवाब डार का था जनाजा
जम्मू कश्मीर के सोपोर में मारे जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी सजाद नवाब डार मारा गया था. उसका जनाजा निकला तो सैकड़ों लोगों ने उसमें हिस्सा लिया. उन लोगों में न तो कोरोना वायरस का खौफ था और ना ही लॉकडाउन को लेकर कोई फिक्र थी.
इस तरह यह लोग तबलीगी जमात के बाद एक बार फिर भारी परेशानी की वजह बन गए हैं. सैकड़ों की जुटी भीड़ को देखते हुए पुलिस ने इन लोगों पर एफआईआर दर्ज की है. आतंकी सजाद नवाब डार को मुठभेड़ में भारतीय सेना ने बुधवार को मार गिराया था.
सोपोर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
सोपोर पुलिस ने बुधवार रात उन तमाम लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, जिन्होंने आतंकी के जनाजे में हिस्सा लिया. सूत्रों ने बताया कि कश्मीर में जिस प्रकार से कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को घर में रहने की हिदायत दी गई है लेकिन लोगों ने इसका पालन नहीं किया.
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पुलिस ने भीड़ न जुटाने के लिए दी थी हिदायत
पुलिस के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर उन लोगों की पहचान की जा रही है, जो जनाजे में शामिल हुए. इससे पहले आतंकी डार का शव घरवालों को सौंपते वक्त पुलिस ने सख्त हिदायत दी थी कि अंतिम यात्रा में लॉकडाउन का ख्याल किया जाना चाहिए और किसी प्रकार की भीड़ जमा नहीं होनी चाहिए.
जिन लोगों ने कानून तोड़ा है उनकी तलाश की जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें, जम्मू-कश्मीर में बुधवार को 19 नए मामले सामने आए. अब तक प्रदेश में कुल 144 कोरोना मरीज पाए गए हैं.
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