नई दिल्ली: जब जब दुनिया पर कोई संकट आया है तब तब भारत ने विश्व को राह दिखाई है. विश्वगुरु भारत की महानता को संयुक्त राष्ट्र ने प्रणाम किया है. कोरोना जैसी प्राणघातक महामारी को मिटाने के लिए भारत निर्णायक भूमिका निभा रहा है. हिंदुस्तान के योगदान को सराहते हुए संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि सभी देशों को भारत की तरह दूसरों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए.
दुनिया के 55 देशों को दवा पहुंचा रहा भारत
बता दें कि भारत अमेरिका सहित कई देशों को मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति कर रहा है. इसके बदले अमेरिका ने भारत को कोरोना से लड़ने के लिए 5.9 मिलियन डॉलर की मदद की है.
भारत ने ब्राजील को भी ये दवा पहुंचाई है जिससे खुश होकर ब्राजील ने पीएम मोदी की हनुमान जी से तुलना कर दी थी. इसके अलावा 55 देशों तक भारत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भेज रहा है ताकि इन देशों को कोरोना से लड़ने में मदद मिले.
भारत के योगदान से खुश है संयुक्त राष्ट्र
यूएन महासचिव एंटोनियो गुटरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ इस जंग में महासचिव एकजुटता का आह्वान करते हैं और इसका मतलब यह है कि जो भी देश अन्य देशों की मदद करने की स्थिति में है उसे ऐसा करना चाहिए.
एंटोनियो गुटरेस का ये बयान तब आया है जब कोरोना से लड़ने में कारगर दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को भारत दुनिया के 55 देशों को देने की प्रक्रिया में है.
उल्लेखनीय है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को अमेरिका की दवा नियामक संस्था एफडीए ने कोविड-19 के संभावित इलाज के रूप में पहचाना है. इस दवा का न्यूयॉर्क में 1500 से ज्यादा कोरोना मरीजों पर परीक्षण किया गया है. भारत में इस दवा का इस्तेमाल मलेरिया के इलाज में किया जाता है.
बड़े बड़े देश कोरोना से तबाह
विदित हो कि अमेरिका भी कोरोना वायरस से जूझ रहा है. अमेरिका में इस संक्रमण से सबसे ज्यादा लोग जान गवां चुके हैं. अमेरिका में गुरुवार को कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 35,875 हो गई, जबकि संक्रमित लोगों की संख्या 6,58,263 पहुंच गई है.
देश में इस महामारी से पहली मौत 29 फरवरी को हुई थी और दस हजार के आंकड़े तक पहुंचने में 38 दिन लगे थे. इसके अलावा इटली, ब्रिटेन, चीन, जापान, जर्मनी और स्पेन समेत कई देश कोरोना से जूझ रहे हैं.