चीन की व्यापार समझौते पर बातचीत की उम्मीद फिर तोड़ी अमेरिका ने

इस समय दुनिया में अगर कोई सबसे अधिक चीन पर क्रुद्ध है तो वो हैं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प. व्यापार समझौता तो दूर की बात है, ट्रम्प अब किसी तरह का रिश्ता चीन से नहीं रखना चाहते. ट्रम्प ने चीन की इस मकसद से की गई बातचीत की पेशकश ठुकरा दी है..   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 13, 2020, 04:51 PM IST
    • व्यापार समझौते की पेशकश फिर ठुकराई अमेरिका ने
    • ट्रंप ने कहा - ''कोई दिलचस्पी नहीं है''
    • बेहद गंभीर परिणामों की धमकी भी दी चीन को
    • साऊथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट पर दी प्रतिक्रिया
चीन की व्यापार समझौते पर बातचीत की उम्मीद फिर तोड़ी अमेरिका ने

नई दिल्ली.  चीन के कई गुण हैं - ठगी, धोखेबाजी, चोरी और बेशर्मी. अमेरिका पर कोरोना हमला करने के बाद चीन को लगता है कि अमेरिकी लोग महा-बेवकूफ हैं. चीन ने इसी ग़लतफ़हमी में दुबारा अमेरिका से व्यापर समझौते पर बातचीत की पेशकश कर डाली लेकिन  डोनाल्ड ट्रम्प ने बातचीत से साफ़ साफ़ इंकार कर दिया. 

 

 

''कोई दिलचस्पी नहीं है''

दुनिया के घोषित खलनायक  चीन को क्रोधी ट्रम्प ने टका सा जवाब दे दिया. चीनी वायरस ने जम कर अमेरिका में तबाही मचाई है और उसके नियंत्रण में नाकाम रहने के कारण इस साल होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनावों में डोनाल्ड ट्रम्प का दावा कमजोर पड़ता जा रहा है. चीन पर बुरी तरह क्रुद्ध अमरीकी  राष्ट्रपति ने चीन को टका सा जवाब देते हुए साफ़ कर दिया कि उनको इस बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं है. 

बेहद गंभीर परिणामों की धमकी दी है चीन को  

डोनाल्ड ट्रम्प का गुस्सा जगजाहिर है इसलिए जब उन्होंने चीन के साथ व्यापार समझौते पर फिर से बातचीत शुरू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई तो किसी कोई कोई हैरानी नहीं हुई है. लेकिन इस साल की शुरुआत में तो अमेरिका चीन को इस समझौते का सम्मान करने के लिए अमेरिका हफ्ते भर पहले चीन को धमकी भी दे चुका है.  अमरीका ने बयान जारी किया था कि यदि बीजिंग ने व्यापार युद्ध समाप्त करने की दिशा में इस साल जनवरी में हुए समझौते का यदि सम्मान नहीं किया तो उसे बेहद गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. 

हांगकांग मीडिया की रिपोर्ट पर दी प्रतिक्रिया 

डोनाल्ड ट्रम्प ने साऊथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए ये बात कही.  हांगकांग के इस प्रमुख समाचार पत्र की रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन व्यापार समझौते पर फिर से बातचीत करने का इच्छुक है. और वो ऐसा इसलिए करना चाहता है क्योंकि चीन ने इस समझौते को अपने लिए और अधिक अनुकूल बनाने की मंशा से इस बातचीत की पेशकश की थी. 

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