नई दिल्लीः सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के कर्मियों के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं. एक जारी किए गए आधिकारिक आदेश के मुताबिक, कंपनी अपने कर्मियों को बिना वेतन के अनिवार्य अवकाश भेजेगी और इसकी अवधि पांच साल होगी. इसके लिए एयर इंडिया की ओर से दक्षता, स्वास्थ्य और जरूरत जैसे आधार पर कर्मियों की पहचान शुरू की जाएगी.
छह महीने से पांच साल तक हो सकती है अवधि
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को यह आधिकारिक आदेश जारी किया गया है.
निदेशक मंडल ने एअर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव बंसल को कर्मचारियों की उपयुक्तता, दक्षता, क्षमता, प्रदर्शन की गुणवत्ता, कर्मचारी का स्वास्थ्य, पहले ड्यूटी के समय अनुपलब्धता, आदि के आधार पर छह महीने या दो साल के लिए बिना वेतन अनिवार्य अवकाश पर भेजने के लिए अधिकृत किया है. यह अवधि पांच साल तक बढ़ाई जा सकती है.
Air India Board has approved a scheme whereby employees can opt to take Leave Without Pay ranging from 6 months or for 2 years and the same can be extendable up to 5 years. pic.twitter.com/Ikp3Rp2kwm
— ANI (@ANI) July 15, 2020
प्रवक्ता ने कहा- हम कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते
मीडिया में इस मामले के उठने के बाद एयर इंडिया से जब इस बाबत सवाल किए गए तो प्रवक्ता की ओर से कहा गया कि इस मामले में हम कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. कोरोना के कारण उड़ान सेवा क्षेत्र पर काफी बुरा असर पड़ा है.
ऐसे में पहले से संकट के दौर से गुजर रही एयर इंडिया की हालत और भी खराब हो गई है.
इस आधार पर लिया है फैसला
दरअसल, कंपनी का तर्क है कि यह फैसला एयरलाइन को संकट से उबारने के लिए लिया गया है. एयर इंडिया एक स्कीम लेकर आई है, जिसके तहत लागत घटाने की ओर ध्यान दिया जाएगा. स्कीम के तहत मैनेजमेंट यह अधिकार रखता है कि वह किसी भी कर्मचारी को सही से मूल्यांकन कर एयरलाइन की जरूरत, उसकी सेहत और कॉम्पिटेंस लेवल के आधार पर LWP (लीव विदआउट पे) पर भेज दे.
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