जिस पेड़ को भगत सिंह ने लगाया वो आज भी पाकिस्तान में, रोंगटे खड़े कर देगा Video
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जिस पेड़ को भगत सिंह ने लगाया वो आज भी पाकिस्तान में, रोंगटे खड़े कर देगा Video

Shaheed Bhagat Singh: सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी रिपोर्टर शहनाज महमूद का बेहद ही पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह शहीद भगत सिंह की जन्मस्थली को दिखला रही हैं. उन्होंने भगत सिंह के घर के गेट को भी दिखलाया कि आखिर इस वक्त पाकिस्तान में कैसे दिखाई देता है.

 

जिस पेड़ को भगत सिंह ने लगाया वो आज भी पाकिस्तान में, रोंगटे खड़े कर देगा Video

Bhagat Singh Birth Anniversary: सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी रिपोर्टर शहनाज महमूद का बेहद ही पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह शहीद भगत सिंह की जन्मस्थली को दिखला रही हैं. उन्होंने भगत सिंह के घर के गेट को भी दिखलाया कि आखिर इस वक्त पाकिस्तान में कैसे दिखाई देता है. अंदर का नजारा और भी दिल जीत लेने वाला है. शहनाज ने यह भी बताया कि जिस पेड़ को भगत सिंह ने लगाया वो आज भी वहां पर मौजूद है. इतना ही नहीं, कमरों के अंदर भगत सिंह समेत कई स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें भी टांगी गई है. घर का रखरखाव करने वाले स्थानीय शख्स ने न सिर्फ अंदर का नजारा दिखलाया, बल्कि कई किस्सों को भी शेयर किया.

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पाकिस्तानी रिपोर्टर ने दिखलाया शहीद भगत का घर

रिपोर्टर शहनाज महमूद ने बताया कि फैसलाबाद घंटाघर से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर तहसील जड़ावाला पहुंचीं और दिखलाया कि आखिर वो कौन सा कमरा था जहां शहीद भगत सिंह का जन्म हुआ था. उन्होंने बताया कि आखिर जिस कमरे में उन्होंने जन्म लिया वो आज कैसा दिखता है. अंदर का नजारा आपके दिलों को छू लेगा. इस वीडियो को एक्स पर सौरव यादव ने शेयर किया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शहीद भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा गांव में हुआ था. वो 23 साल के थे जब अंग्रेजों ने उन्हें 1931 में लाहौर साजिश मामले में सुखदेव थापर और शिव रामहरि राजगुरु के साथ फांसी दे दी.

 

 

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भारत के सबसे चहेते क्रांतिकारी की कहानी

पाकिस्तान के गांव में आज भी भारत के सबसे चहेते क्रांतिकारी के जन्म और मृत्यु वर्षगांठ पर राजनीतिक कार्यक्रम होते हैं. 23 मार्च, 1931 को फांसी दिए जाने के समय 23 वर्ष की छोटी उम्र में भगत सिंह लाखों की नजर में पहले ही शहीद बन चुके थे. भगत सिंह को न केवल एक क्रांतिकारी नायक के रूप में याद किया जाता है, बल्कि एक विचारक के रूप में भी याद किया जाता है, जिन्होंने एक स्वतंत्र और न्यायपूर्ण समाज की कल्पना की थी.उनकी विरासत उन लोगों को प्रेरित करती रहती है जो न्याय और समानता के लिए लड़ने में विश्वास करते हैं.

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