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Crorepati Vegetable Seller: ऋषभ शर्मा नाम के एक शख्स ने अपनी आजीविका चलाने के लिए सब्जियां बेचना शुरु किया. लेकिन जब महामारी आई और उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा, तो उसने घर से काम करने की फर्जी स्कीम की ओर रुख किया और चीजों में एक बुरा मोड़ आया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महज छह महीने में ऋषभ लोगों से 21 करोड़ रुपये ठगने में कामयाब रहा. वह 10 भारतीय राज्यों में 37 धोखाधड़ी के मामलों में एक वॉन्टेड शख्स बन गया और 855 अन्य घोटालों भी किये. पुलिस ने उसे 28 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि उसने उन बैंक खातों का इस्तेमाल किया था जिनका इस्तेमाल उसने पैसे ले जाने के लिए किया था.
कैसे सब्जी बेचने वाला बन गया एक फ्रॉड?
रिपोर्ट के अनुसार, इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि वह सीक्रेड मैथड का यूज करके पैसे भेजने के लिए चीन और सिंगापुर जैसे अन्य देशों के आपराधिक समूहों के साथ काम कर रहा था. पूरा किस्सा सुनकर आप भी बेहद ही दंग हो जाएंगे और कई तरह के आपके मन में सवाल उठने लगेंगे. कुछ साल पहले, ऋषभ फरीदाबाद में एक छोटा सा सब्जी का दुकानदार था. लेकिन जब महामारी आई तो उसे अपना कारोबार बंद करना पड़ा. अपने परिवार की मदद करने के लिए उसने घर से काम करने की कई कोशिशें कीं. तभी वह एक पुराने दोस्त से दोबारा जुड़ा जो पहले से ही ऑनलाइन स्कैम में मिला हुआ था.
उसके दोस्त ने उसे फोन नंबरों की एक सूची दी, और उसने उनका यूज वॉन्टेंड लोगों को कॉल करने के लिए किया. ऋषभ उन्हें फेक जॉब का ऑफर देता था. उनका आखिरी शिकार देहरादून का एक बिजनेसमैन था, जिसे 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ था. ऋषभ ने एक फेक वेबसाइट बनाई जो मैरियट बॉनवॉय होटल की वेबसाइट की तरह दिखती थी. उसने होटल ग्रुप के लिए रिव्यूज लिखने के लिए पार्ट-टाइम नौकरियों का ऑफर किया. उसने खुद को मैरियट बॉनवॉय से होने का दिखावा किया और अपने पीड़ितों को अपनी सहकर्मी सोनिया से मिलवाया, जिसने एक होटल में काम करने का दावा किया था.
फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को लुभाया
उसने पीड़ितों के लिए एक फर्जी टेलीग्राम ग्रुप भी बनाया. उन्होंने उनसे होटल के लिए पॉजिटिव रिव्यू लिखने और फेक गेस्ट के सवालों के जवाब देने को कहा. उसने पहले तो उन्हें 10,000 रुपये देकर उनका भरोसा जीता. फिर उसने उन्हें बड़े रिटर्न का वादा करके और अधिक इन्वेस्ट करने के लिए मना लिया. लेकिन एक बार जब लोगों ने बहुत सारा पैसा इन्वेस्ट कर दिया, तो वह गायब हो गया, और वे उस तक नहीं पहुंच सके. पुलिस ने ऋषभ पर धोखाधड़ी और अन्य अपराधों का आरोप लगाया है. उन्होंने पाया कि यह घोटाला अन्य देशों के आपराधिक समूहों से जुड़ा हुआ है. ये समूह चुराए गए धन को दूसरे देशों में सीक्रेट तरीके से भेजने से पहले उसके लिए बैंक खाते खोलने के लिए भारत में लोगों को चुनते हैं.
ऋषभ की गिरफ्तारी से पुलिस को पता चल गया है कि यह समस्या कितनी बड़ी है. उन्होंने पाया कि वह 10 राज्यों में कई मामलों में शामिल था. इन जटिल घोटालों से निपटना अधिकारियों के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि वे जिम्मेदार लोगों को पकड़ने की कोशिश करते हैं.