सांवला पैदा हुआ बच्चा तो पिता ने उसे लेने से किया मना, बोला- पहले टेस्ट कराओ, तब मानूंगा
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सांवला पैदा हुआ बच्चा तो पिता ने उसे लेने से किया मना, बोला- पहले टेस्ट कराओ, तब मानूंगा

Paternity Test: 30 वर्षीय महिला को अपने नवजात बच्चे की त्वचा के रंग को लेकर एक अजीब और दुखद स्थिति का सामना करना पड़ा, जब उसके पति ने पहले बार बच्चे को देखा और उसे पितृत्व परीक्षण कराने को कहा.

 

सांवला पैदा हुआ बच्चा तो पिता ने उसे लेने से किया मना, बोला- पहले टेस्ट कराओ, तब मानूंगा

Chinese Baby Dark Skin: चीन में एक 30 वर्षीय महिला को अपने नवजात बच्चे की त्वचा के रंग को लेकर एक अजीब और दुखद स्थिति का सामना करना पड़ा, जब उसके पति ने पहले बार बच्चे को देखा और उसे पितृत्व परीक्षण कराने को कहा. महिला का कहना है कि उनके जीवन का यह खुशी का पल बहुत ही तनावपूर्ण बन गया, क्योंकि उनके पति ने बच्चे की त्वचा के गहरे रंग को लेकर शंका जताई.

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महिला ने सी-सेक्शन से दिया बच्चे को जन्म

यह घटना तब सामने आई जब महिला ने सी-सेक्शन से बच्चे को जन्म दिया और उनके पति ने बच्चे को देखकर उसे गोद में उठाने से मना कर दिया. पति ने कहा कि बच्चे की त्वचा का रंग बहुत गहरा है और वह इस स्थिति से बहुत हैरान है. पत्नी ने इस घटना के बारे में अपनी परेशानियों को शेयर करते हुए कहा, "मैंने कभी अफ्रीका का दौरा नहीं किया और न ही मुझे कोई ब्लैक मैन जानता है."

पति की प्रतिक्रिया से गहरा धोखा

महिला ने कहा कि वह पितृत्व परीक्षण के लिए सहमत हो गई, लेकिन उसे अपने पति की प्रतिक्रिया से गहरा धोखा और दुख हुआ. उसने कहा कि एक रिश्ते में विश्वास बहुत महत्वपूर्ण होता है और उसके पति के व्यवहार ने उस विश्वास को गहरी चोट पहुंचाई है. यह घटना चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर वायरल हो गई, जहां कई यूजर्स ने महिला का समर्थन किया और कहा कि बच्चे का गहरे रंग का होना कोई समस्या नहीं है. कई लोगों ने बताया कि नवजात बच्चों की त्वचा का रंग गहरा होना सामान्य है, क्योंकि जन्म के समय उनकी त्वचा पतली होती है और रक्त संचार भी ठीक से नहीं होता, जिससे जन्म के कुछ समय बाद रंग हल्का हो जाता है.

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लोगों की कैसी रही प्रतिक्रिया?

एक यूजर ने कहा, "यह घटना नवजात बच्चों में स्वाभाविक रूप से हो सकती है क्योंकि उनकी त्वचा की परत पतली होती है और जन्म के समय ब्लड फ्लो भी कमजोर होता है." चिकित्सा शोध के अनुसार, नवजात शिशु का रंग जन्म के समय गहरे लाल से बैंगनी रंग के बीच होता है, जो बाद में हल्का हो जाता है. यह रंग जन्म के पहले दिन तक बना रहता है, और जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसकी त्वचा का रंग सामान्य हो जाता है.

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) द्वारा प्रकाशित शोध में यह बताया गया है कि नवजात शिशुओं की त्वचा पहले कुछ महीनों में परिपक्व होती है और इस दौरान उनकी त्वचा का रंग बदलता है. जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसकी त्वचा पतली होती जाती है और रंग समान रूप से फैल जाता है. कई शोधों से यह भी सामने आया है कि दो महीने की उम्र में बच्चों की त्वचा का रंग पहले से थोड़ा गहरा हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, उनका रंग हल्का और समान हो जाता है.

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