पापा की डेथ के 6 साल बाद खोला सहेजे हुए अखबारों का कलेक्शन, खोजने पर मिले हैरान कर देने वाले पन्ने
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पापा की डेथ के 6 साल बाद खोला सहेजे हुए अखबारों का कलेक्शन, खोजने पर मिले हैरान कर देने वाले पन्ने

Trending News: पुराने डाक टिकट, सिक्के और यादगार चीजों को सहेजकर रखना कई लोगों का शौक होता था, लेकिन लगता है कि स्मार्टफोन और इंटरनेट के जमाने में ये आदत कम होती जा रही है.

 

पापा की डेथ के 6 साल बाद खोला सहेजे हुए अखबारों का कलेक्शन, खोजने पर मिले हैरान कर देने वाले पन्ने

Newspaper Collection: पुराने डाक टिकट, सिक्के और यादगार चीजों को सहेजकर रखना कई लोगों का शौक होता था, लेकिन लगता है कि स्मार्टफोन और इंटरनेट के जमाने में ये आदत कम होती जा रही है. फिर भी इस डिजिटल युग में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इतिहास के अखबारों को संभालकर रखते हैं, जैसे इस रेडिट यूजर के पिताजी. आप सोच रहे होंगे कि ये कौन हैं? तो बता दें कि रेडिट पर एक यूजर ने अपने पिताजी का अखबार कलेक्शन दिखाया, जो वाकई देखने लायक है. 'इंडिया' सबरेडिट पर यूजर @Maleficent_Young_622 ने लिखा, "मेरे पिताजी का 2017 में देहांत हो गया था. कल मैंने उनका एक ब्रीफकेस खोला. उसमें कुछ पुराने अखबार मिले."

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बेटे ने पापा का अखबार कलेक्शन निकाला

पोस्ट के साथ तस्वीरें भी थीं जिनमें 90 के दशक के अखबार दिख रहे थे. वो समय था जब ये अखबार ही ज्यादातर लोगों के लिए खबरों का मुख्य स्रोत हुआ करते थे. बड़ी-बड़ी सुर्खियां उस जमाने में अखबारों में ही आया करती थी और यही वजह है कि आज भी लोगों को अखबारों पर भरोसा है और रोजाना सुबह की चाय अखबार से ही की जाती है. यह याद दिला देती हैं कि भले इसमें ब्रेकिंग न्यूज वाला मसाला न हो, लेकिन इतिहास के पन्नों को घर के कोनों में सहेजकर रखा जा सकता है. भारतीय घरों हमारे पिताजी और दादाजी सुबह की चाय पीते हुए इन खबरों को पढ़ते थे. बेटे ने इंदिरा गांधी की मृत्यु वाले दिन के अखबार की तस्वीर भी शेयर की.

 

My father left me some pieces of history
byu/Maleficent_Young_622 inindia

 

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पोस्ट पर लोगों ने दी कुछ इत तरह की प्रतिक्रिया

जल्द ही, इंटरनेट यूजर्स ने इस खोज पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया. एक यूजर ने सुझाव दिया, "इन अखबारों को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें लैमिनेट करवा लेना चाहिए. भविष्य में इनकी काफी कीमत होगी." एक अन्य यूजर ने अनुभव साझा किया, "मुझे भी कुछ ऐसी ही आदत है. मैं उन दिनों के अखबार संभाल कर रखता हूं जिन्हें मैं ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मानता हूं. साथ ही, जब मैं विदेश यात्रा करता हूं, तो उस दिन के अखबार को याद के तौर पर खरीद लेता हूं. उम्मीद है कि एक दिन, मेरे पास भी कुछ ऐसा ही कलेक्शन होगा."

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