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Preserved Human Brains: वैज्ञानिकों ने पुरातात्विक खोजों में 4,400 से अधिक मानव मस्तिष्क ढूंढ निकाले हैं, जो आश्चर्यजनक रूप से सुरक्षित अवस्था में हैं. आम धारणा के उलट ये दिमाग 12,000 साल पुराने भी हैं. आमतौर पर माना जाता है कि मृत्यु के बाद दिमाग जल्दी खराब हो जाता है, लेकिन ये दिमाग इस बात को गलत साबित करते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, इंसान का दिमाग मरने के बाद उतनी तेजी से नहीं सड़ता जितना पहले सोचा जाता था. ये बात दिमाग के सड़ने के बारे में हमारी मौजूदा जानकारी को चुनौती देती है. कुछ दिमाग तो बहुत लंबे समय तक सुरक्षित रहकर उम्मीदों के उलट टिके रहते हैं.
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सुरक्षित दिमाग मिस्र के रेगिस्तानों से मिले
'द मिरर' की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एलेक्जेंड्रा मॉर्टन-हेवर्ड की अगुवाई में वैज्ञानिकों की एक टीम ने ये शोध किया. उन्होंने पुरातात्विक स्थलों के ऐतिहासिक दस्तावेजों का विश्लेषण करके इन दिमागों का पता लगाया. ये सुरक्षित दिमाग मिस्र के रेगिस्तानों और यूरोप के पीट दलदलों जैसी अलग-अलग जगहों पर मिले. "द रॉयल सोसाइटी" नाम की जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन, जिसका शीर्षक है 'कम से कम 12,000 सालों से कई वातावरणों में सुरक्षित मानव मस्तिष्क' बताता है कि शोधकर्ताओं को पुरातात्विक स्थलों में सुरक्षित मस्तिष्क मिले हैं.
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नई खोज गलत साबित करती है जल्दी दिमाग खराब होने की बात
आमतौर पर माना जाता है कि इंसान के मरने के बाद दिमाग जल्दी खराब हो जाता है, लेकिन ये नई खोज इस बात को गलत साबित करती है. पुरातात्विक खोजों में इतने समय तक सुरक्षित रहने वाले दिमाग मिलना काफी असामान्य है. वैज्ञानिकों ने करीब 12,000 साल पुराने पुरातात्विक स्थलों से मिले 4,400 से अधिक मानव मस्तिष्क के आंकड़े इकट्ठे किए. उन्होंने पाया कि इनमें से 1300 से ज्यादा दिमाग अकेले बचे हुए कोमल ऊतक थे, बाकी कंकाल ही बचे थे. वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि इतने समय पहले के सुरक्षित दिमागों का ये अनछुआ हुआ संग्रह मानव विकास, स्वास्थ्य और बीमारियों के बारे में जैव-पुरातात्विक जांच करने का एक सुनहरा मौका है.