Knowledge News: ट्रेन ड्राइवर को इंजीनियर से ज्यादा मिलती है सैलरी, जानें आखिर क्या है वजह?
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Knowledge News: ट्रेन ड्राइवर को इंजीनियर से ज्यादा मिलती है सैलरी, जानें आखिर क्या है वजह?

Knowledge News: अक्सर हम उन चीजों से बेहद अनजान होते हैं, जोकि बेहद कॉमन या फिर हमारे आस-पास होती हैं. चलिए हम आपको नॉलेज की इस खबर में बताते हैं बेहद ही रोचक बातें...

Knowledge News: ट्रेन ड्राइवर को इंजीनियर से ज्यादा मिलती है सैलरी, जानें आखिर क्या है वजह?

Knowledge News: क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन चलाने के लिए ड्राइवर (Train Driver) को कितना अंटेशन रखना पड़ता है. दिन-रात, 24 घंटे ट्रेन चलाने वाले ड्राइवर को आफिशियल टर्म में लोको पायलट कहा जाता है. लोको पायलट (Loco Pilot) का जॉब बेहद ही कठिन होता है. सर्दी, गर्मी, बरसात और सभी त्यौहारों में लोको पायलट अपने ड्यूटी पर अलर्ट होते हैं, क्योंकि उनकी छोटी सी गलती से भी हजारों लोगों की जान जा सकती है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि लोको पायलट को कितनी सैलरी मिलती है और किन प्रॉब्लम को फेस करना पड़ता है.

  1. ट्रेन ड्राइवर को कितने घंटे करना पड़ता है काम?
  2. लोको पायलट को मिलते हैं कई तरह के अलाउंस
  3. इस वजह से मिलती है लोको पायलट को ज्यादा सैलरी

ट्रेन ड्राइवर को कितने घंटे करना पड़ता है काम?

लोको पायलट की जॉब इतनी रिस्की और जिम्मेदारी वाली होती है कि चूक की संभावना बिल्कुल भी जीरो होती है. चलती ट्रेन के दौरान लोको पायलट को अलर्ट रहना पड़ता है. ऐसा  इस जॉब के लिए इनकी सैलरी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से ज्यादा बेहतर होती है. दिन-रात ड्यूटी करने वाले लोको पायलट की डेली रूटीन फिक्स्ड नहीं होती है. उन्हें 14 दिन का रोस्टर दिया जाता है, जिनमें उन्हें 2 रेस्ट दिए जाते हैं. उन्हें करीब 104 घंटे काम करना होता है. हालांकि, उन्हें इससे ज्यादा ही काम करना पड़ जाता है.

लोको पायलट को मिलते हैं कई तरह के अलाउंस

लोको पायलट एक बार घर से निकलने पर 3-4 दिन बाद ही वापस आ पाते हैं, जिससे इनकी फैमिली लाइफ भी काफी डिफिकल्ट हो जाती है. लोको पायलट जब एंट्री लेवल पर आते हैं तो उनकी पोस्ट असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) होती है, जो 7th कमिशन के लेवल 2 पर आते हैं. इनकी कठिन ड्यूटी के कारण रेलवे ने इन्हें कई सारे अलाउंट दे रखे हैं. उन्हें 100 किमी के ट्रेन रनिंग पर अलाउंस मिलता है. ड्यूटी के 14 दिनों में 104 घंटे से ज्यादा का ओवरटाइम करने का भी पैसा इन्हें मिलता है.

इस वजह से मिलती है लोको पायलट को ज्यादा सैलरी

लोको पायलट को नाइट ड्यूटी अलाउंस, हॉलीडे अलाउंस, ड्रेस और लीव अलाउंस भी मिलते हैं. इन सबको लेकर एंट्री लेवल के लोको पायलट को सैलरी अच्छी मिलती है. जब ये ALP प्रमोट होकर सीनियर लोको पायलट बनते हैं तो कई बार सैलरी एक लाख रुपए से ज्यादा तक भी हो जाती है. सैलरी ज्यादा होने की वजह है उनकी कठिन ड्यूटी. अगर इनकी ड्यूटी नॉर्मल आदमी के सैलरी जितनी होगी तो लोको पायलट बनने की चाह बेहद कम लोगों को होगी.

यह जानकारी भारतीय रेलवे के एक पुराने सर्कुलर के आधार पर है, इसमें लोको पायलट के सभी कैटेगरी के पे-ग्रेड को समझा जा सकता है.

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