केरल के जंगलों में मिली हैरान कर देने वाली चीज, रात में देखेंगे तो आंखें रह जाएंगी फटी की फटी
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केरल के जंगलों में मिली हैरान कर देने वाली चीज, रात में देखेंगे तो आंखें रह जाएंगी फटी की फटी

Kerala Forests: वैज्ञानिकों ने एक अनोखी खोज की है. उन्होंने केरल के कासरगोड के घने जंगलों में एक दुर्लभ जैवदीप्त (Bioluminescent) मशरूम ढूंढ निकाला है. "फिलोबोलेटस मैनिपुलरिस" नाम का ये अद्भुत मशरूम रात के समय जंगल की जमीन को रोशन करने वाली हरे रंग की चमक छोड़ता है.

 

तस्वीर एआई वाली- (AI Pic)

Night Glowing Mashroom: वैज्ञानिकों ने एक अनोखी खोज की है. उन्होंने केरल के कासरगोड के घने जंगलों में एक दुर्लभ जैवदीप्त (Bioluminescent) मशरूम ढूंढ निकाला है. "फिलोबोलेटस मैनिपुलरिस" नाम का ये अद्भुत मशरूम रात के समय जंगल की जमीन को रोशन करने वाली हरे रंग की चमक छोड़ता है - ये ऐसा नजारा है जिसने रिसर्चर्स का दिल जीत लिया और जिसने भी यह देखा, उसकी आंखें फटी की फटी ही रह गई. ये अनोखी खोज तब सामने आई जब केरल के वन विभाग और "मशरूम ऑफ इंडिया कम्युनिटी" नाम के ग्रुप ने मिलकर रानीपुरम के जंगल में सूक्ष्म फफूंदों की जांच कर रहे थे.

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रात में जलने वाला मशरूम

रानीपुरम का जंगल अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है. इस जांच का मकसद जंगल में पाए जाने वाले अलग-अलग तरह के फफूंदों की जानकारी इकट्ठा करना था. जांच के दौरान 50 से ज्यादा तरह के फफूंद मिले, जिनमें से "फिलोबोलेटस मैनिपुलरिस" नाम का फफूंद अपनी रौशनी छोड़ने वाली खासियत के चलते सबसे अलग दिखाई दिया. ये मशरूम रात में चमकते हैं, इसकी वजह एक खास तरह का कैमिकल रिएक्शन है. इसमें "लूसिफेरिन" और "लूसिफरेज" नाम के दो पदार्थ शामिल होते हैं. ये दोनों मिलकर ऑक्सीजन के साथ मिलते हैं और रोशनी पैदा करते हैं.

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चमक कीड़े-मकोड़ों को अपनी तरफ खींचती है

माना जाता है कि ये चमक कीड़े-मकोड़ों को अपनी तरफ खींचती है. इससे मशरूम के बीजाणु (Spores) दूर-दूर तक फैलने में मदद मिलती है, जो पेड़-पौधों को उगने में मदद करता है. ये मशरूम देखने में भले ही बहुत खूबसूरत लगता है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे छूना या खाना ठीक नहीं है. इसकी वजह ये है कि ये फफूंद जिस कैमिकल रिएक्शन से रोशनी देता है, वही इंसानों के लिए खतरनाक हो सकता है. इसलिए जंगल में घूमते वक्त ऐसे अनोखे फूल या फफूंद दिखें तो उन्हें छेड़ना नहीं चाहिए. ये खोज कासरगोड को फफूंदों की विविधता का खजाना साबित करती है. वैज्ञानिक इस इलाके में और भी खोज करने की बात कह रहे हैं.

जानें क्या कहना है एक्सपर्ट का?

पेड़-पौधों के जानकार डॉ. दिलीप कुमार राय जैसे विशेषज्ञों का कहना है कि ये खोज जंगल के वातावरण को समझने में हमारी मदद करती है. इस रिसर्च टीम की अगुवाई करने वाले डॉ जिनू मुरलीधरन का कहना है कि हमें कासरगोड के जंगलों में और भी रिसर्च करनी चाहिए. घने जंगल और पेड़-पौधों से मिलने वाला पदार्थ रानीपुरम के जंगल को "फिलोबोलेटस मैनिपुलरिस" जैसे अनोखे फफूंदों के रहने के लिए एकदम सही जगह बनाते हैं, और हो सकता है कि यहां ऐसे कई और फफूंद पाए जाएं जिनके बारे में हम अभी तक नहीं जानते हैं.

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