What is the CoBRA unit: छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के आईईडी हमले में सीआरपीएफ के दो कोबरा जवान शहीद हो गए. 201 कोबरा यूनिट के जवान जगरगुंडा थाना क्षेत्र में आरओपी ड्टूटी रहे थे. इसी दौरान जवानों का ट्रक आईईडी की चपेट में आ गया. CoBRA नाम सुनकर आपके मन में एक और ख्याल जो आ रहा होगा वह है कोबरा सांप. किंग कोबरा (नाग) के डंसने से हर साल सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है. इनके शरीर में इतना जहर होता है कि काट लें तो बचाना मुश्किल हो जाता है. तो आज हम आपको बताएंगे कि सीआरपीएफ में कोबरा यूनिट की स्थापना कब और किस उद्देश्य से हुआ था.
- CoBRA का फुल फॉर्म Commando Battalion for Resolute Action होता है.
- कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (CoBRA) का गठन पहली बार 2009 में CPRF के तहत किया गया था. CoBRA जवान को जंगल वॉरियर्स के नाम से भी जाना जाता है.
- कोबरा जवानों को एक ही दिन में 72 किलोमीटर इलाके को कवर करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. आमतौर पर कोबरा जवानों का इस्तेमाल नक्सलियों का खात्मा करने के लिए किया जाता है.
- CRPF के आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (CoBRA) एक विशेष बल है जो गुरिल्ला और जंगल युद्ध के संचालन के लिए स्थापित किया गया है.
- इसे विशेष तौर पर माओवादी विद्रोही से निपटने के लिए तैयार किया गया है. यही वजह है कि कोबरा जवानों को "जंगल योद्धा" का दर्जा प्राप्त है.
- कोबरा जवानों की नियुक्ति CRPF से ही की जाती है. नक्सल विरोधी अभियानों के लिए कोबरा बटालियनों को सौंपे जाने से पहले इन्हें कमांडो रणनीति और जंगल युद्ध के प्रशिक्षण से गुजरना होता है.
- CRPF के मुताबिक, 2008 और 2011 के बीच कुल 10 कोबरा यूनिट की स्थापना की गई.
- यूनिट में शामिल जवानों को व्यापक प्रशिक्षण देने के बाद सभी 10 बटालियनों को छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया था.
- कोबरा देश की प्रमुख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस इकाइयों में से एक के रूप में उभरी है. इन जवानों को ना केवल चुनौतीपूर्ण जंगल वातावरण में जीवित और दृढ़ रहने के लिए बल्कि विजयी होने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है.