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Japan Village Ichinono: जापान के छोटे से गांव इचिनोनो में एक अनोखी पहल के जरिए अकेलेपन का सामना किया जा रहा है. इस गांव में 60 से कम निवासी हैं, जिनमें से अधिकांश बुजुर्ग हैं. गांव में रहने वाले युवा शहरों में अवसरों की तलाश में चले गए हैं, जिससे यहां की जनसंख्या बूढ़े लोगों की रह गई है. इस समस्या का सामना करने के लिए स्थानीय लोगों ने पुराने कपड़ों, फेब्रिक्स और मैनक्विन्स से जीवन जैसे कठपुतलियों का निर्माण करना शुरू किया है.
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इचिनोनो में हर जगह दिखाई देती हैं कठपुतलियां
ये कठपुतलियां अब इचिनोनो के कई स्थानों पर दिखाई देती हैं, जो कभी जीवंत समुदाय का प्रतीक था. ये कठपुतलियां बच्चों को खेलते हुए और वयस्कों को रोजमर्रा के काम करते हुए दर्शाती हैं. एक कठपुतली, जो झूले पर बैठी एक लड़की है, वह बीनी पहने हुए है, जबकि एक स्कूटर पर खड़ा लड़का मुस्कुराता हुआ नजर आता है. अन्य मैनक्विन्स लकड़ी इकट्ठा करते हुए या साइकिल चलाते हुए दिखाए गए हैं, जो खाली जगहों में गर्माहट का अहसास कराते हैं.
इस बीच इचिनोनो में एक युवा दंपती रिए और तोशिकी काटो हाल ही में ओसाका से अपने दो वर्षीय बेटे कुरानोसुके के साथ आए हैं. कुरानोसुके का जन्म गांव में 20 वर्षों में पहला बच्चा है, जिसने समुदाय में नई उम्मीद जगाई है. जापान की बढ़ती उम्र की जनसंख्या एक गंभीर मुद्दा है. 2023 में, जापान में 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 36.25 मिलियन लोग थे, जो कुल जनसंख्या का 29.3% बनाते हैं.\
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जापान में क्यों बढ़ रही बुजुर्गों की संख्या?
जन्म दर भी रिकॉर्ड निचले स्तर पर है, पिछले वर्ष केवल 730,000 बच्चों का जन्म हुआ, जबकि मौतों की संख्या 1.58 मिलियन तक पहुंच गई. यह जनसांख्यिकीय चुनौती विकसित देशों के लिए एक चिंता का विषय है, और जापान दुनिया की सबसे बुजुर्ग जनसंख्या में से एक है. इस प्रकार इचिनोनो गांव के स्थानीय निवासियों ने अपने गांव की जीवंतता को वापस लाने के लिए कठपुतलियों का सहारा लिया है.
ये कठपुतलियां न केवल गांव की खाली जगहों को भर रही हैं, बल्कि बुजुर्ग निवासियों को भी एक सामाजिक अनुभव प्रदान कर रही हैं. इस अनूठी पहल ने यह दिखाया है कि कैसे क्रिएटिविटी के जरिए अकेलेपन को कम किया जा सकता है और एक समुदाय में नई ऊर्जा लाई जा सकती है.