Pakistan: बेगुनाही साबित करने के नाम पर दी खौफनाक सजा, बच्चे को Hot Axe चाटने पर किया मजबूर
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Pakistan: बेगुनाही साबित करने के नाम पर दी खौफनाक सजा, बच्चे को Hot Axe चाटने पर किया मजबूर

आदिवासी परंपरा के नाम पर पाकिस्तान में एक बच्चे को गर्म लोहा चाटने पर मजबूर किया गया. बच्चे को बुरी स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पीड़ित पिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है, लेकिन ऐसी क्रूर घटनाएं पंजाब प्रांत के आदिवासी इलाकों में आम हैं. 

फाइल फोटो: helkonorthamerica

इस्लामाबाद: पाकिस्तान से पंजाब प्रांत (Punjab Province of Pakistan) से एक दिलदहलाने वाला मामला सामने आया है. यहां के डेरा गाजी खान (D G Khan) इलाके में एक बच्चे को अपनी बेगुनाही साबित करके के नाम पर खौफनाक सजा दी गई. बच्चे को कथित तौर पर गर्म कुल्हाड़ी (Hot Axe) चाटने के लिए मजबूर किया गया. बॉर्डर मिलिट्री पुलिस (BMP) ने इस संबंध में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 

  1. पंजाब के डेरा गाजी खान इलाके की घटना
  2. तीन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
  3. बच्चे पर केतली चुराने का था आरोप

Tribal परंपरा का दिया हवाला

पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों का कहना है कि बच्चे (Child) ने केतली चुराई थी. इसलिए उसे आदिवासी परंपरा के हिसाब से अपनी बेगुनाही साबित करने को कहा गया था. आरोपियों ने पहले कुल्हाड़ी के लोहे वाले हिस्से को आग पर गर्म किया फिर बच्चे को उसे चाटने के लिए मजबूर किया. बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उसकी जीभ बुरी तरह जल गई है.

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Punjab Province में चल रहा क्रूर खेल

पीड़ित बच्चे के पिता जान मुहम्मद ने तीनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई थी. जिसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों के नाम सिराज, अब्दुल रहीम और मुहम्मद खान हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि पंजाब प्रांत के कई आदिवासी इलाकों में इस तरह की क्रूर परंपराएं अभी भी जीवित हैं. तख्त सुलेमान तहसील में यदि किसी व्यक्ति पर अपराध में शामिल होने का संदेह होता है, तो उसे अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए इस तरह के खौफनाक तरीकों से गुजरना पड़ता है.

अग्नि परीक्षा से गुजरना होता है 

आदिवासी बलूच परंपरा के अनुसार, व्यक्ति को खुद को निर्दोष साबित करने के लिए काफी देर तक पानी में रहना या अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ता है. यदि संदिग्ध निर्धारित समय तक पानी में रहकर जीवित बाहर निकलता है तो उसे निर्दोष माना जाता है. इसके उल्ट अगर वह समय से पहले ही बाहर आता है, तो उसे दोषी करार दे दिया जाता है. इसी प्रकार जलते अंगारों पर चलकर या गर्म लोहे को चाटने के बाद भी यदि संबंधित व्यक्ति को कुछ नहीं होता, तो वह निर्दोष माना जाता है. अन्यथा उसे और भी क्रूर सजा मिलती है.

 

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