जो कभी नहीं हुआ वो होने जा रहा इस बार, ड्रैगन पर होगा चौतरफा प्रहार
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जो कभी नहीं हुआ वो होने जा रहा इस बार, ड्रैगन पर होगा चौतरफा प्रहार

भारत, जापान, अमेरिका और अब ऑस्ट्रेलिया मालाबार युद्धाभ्यास (Malabar exercise) में शामिल होंगे. यह पहली बार होगा जब QUAD के चारों सदस्य मालाबार युद्धाभ्यास में शामिल होंगे, चीन इससे बेहद परेशान है.

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: हर मोर्चे पर हिंदुस्तान से पिटने वाले चीन के लिए एक और बुरी खबर है. समंदर में चीन की इंटरनेशनल घेराबंदी होने जा रही है. भारत, जापान, अमेरिका और अब ऑस्ट्रेलिया मालाबार युद्धाभ्यास (Malabar exercise) में शामिल होंगे. ये चारों QUAD के सदस्य हैं और इससे चीन की बेचैनी बढ़ गई है. मालाबार युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया (Australia) के शामिल होने से चीन (China) बौखला गया है.

  1. मालाबार युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया के शामिल होने से बौखलाया चीन

    नवंबर में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का होगा युद्धाभ्यास

    पहली बार QUAD के सभी सदस्य सैन्य अभ्यास में होंगे शामिल

वहीं मालाबार में ऑस्ट्रेलिया को शामिल करने पर अमेरिका (America) ने समर्थन जताया है. अमेरिकी सीनेटर डेविड पर्डू ने अमेरिका में भारत के राजदूत को पत्र लिखा है. डेविड पर्डू ने कहा है, चीन के रवैये के सामने QUAD को मजबूत करना होगा. चीन कोरोना महामारी (Coronavirus) के बीच सैन्य विस्तार कर रहा है ऐसे में साल के अंत में होने जा रहा भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का नौसेना युद्धाभ्यास बेहद अहम है. यह पहली बार होगा जब क्वाड के सभी सदस्य सैन्य अभ्यास में शामिल होंगे.

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समंदर में चौकड़ी से चीन परेशान
एक साथ जब चार देशों की सेना हिंद महासागर में हुंकार भरेगी तो चीन की इंटरनेशनल घेराबंदी होगी. यही बात चीन को परेशान कर रही है. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा है कि चीन ने भारत के इस फैसले का संज्ञान लिया है. सैन्य सहयोग, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल होना चाहिए.
असल में यही चीन की बौखलाहट है. इसकी सबसे बड़ी वजह है अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का भरपूर सहयोग. इसलिए जल-थल और नभ तीनों मोर्चों पर हिंदुस्तान का ही पलड़ा भारी है.

अहम है अमेरिका के विदेश मंत्री का दौरा
भारत से सटी सीमा से लेकर दक्षिण चीन सागर में अमेरिका को तेवर दिखाने वाले चीन को काबू में कैसे करना है इस पर चर्चा के लिए अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो भारत आने वाले हैं. अमेरिका के विदेश सचिव माइक पॉम्पियो रक्षा सचिव के साथ 26 अक्टूबर को दो दिन के भारत दौरे पर आएंगे. इस बात की जानकारी खुद रक्षा सचिव मार्क एस्पर ने एक साक्षात्कार के दौरान दी है. चीन से सीमा विवाद के बीच माइक पॉम्पियो का भारत दौरा अहम माना जा रहा है. इस दौरे में दोनों देशों के बीच विदेश मंत्री स्तर की बातचीत होगी. साथ ही भारत-अमेरिका में BECA डील होने की संभावना है. BECA से दोनों देश आपस में रक्षा संबंधी खुफिया सूचनाएं साझा कर सकेंगे.

चीन के साथ सीमा विवाद पर माइक पॉम्पियो के तेवर बेहद आक्रामक रहे हैं. पॉम्पियो चीन के कम्युनिस्ट शासन को दुनिया के लिये खतरा बता चुके हैं. पॉम्पियो भारत के दौरे के बाद मालदीव और श्रीलंका की एक दिवसीय यात्रा पर भी जाएंगे.

मालाबार युद्धाभ्यास का इतिहास
दरअसल 1992 में पहली बार मालाबार युद्धभ्यास हुआ था. इस दौरान हिंद महासागर में अमेरिका-भारत की नौसेना ने युद्धभ्यास में भाग लिया था. इसके बाद 2015 में जापान मालाबार युद्धभ्यास का हिस्सा बना. 2018 में मालाबार युद्धभ्यास फिलीपीन सागर में गुआम तट पर हुआ. 2019 में मालाबार युद्धभ्यास जापान तट के पास हुआ था. अब 2020 में ऑस्ट्रेलिया भी मालाबार युद्धभ्यास में शामिल होगा. यह भारत, जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलियाई नौसेना का का संयुक्त अभ्यास होगा.

बता दें कि भारत (India) को घेरने के लिए चीन (China) वर्षों से String Of Pearls पर काम कर रहा है. जिसके तहत चीन दक्षिण एशिया के छोटे-छोटे देशों में सामरिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अड्डों का निर्माण कर रहा है लेकिन अब चीन को उसी की भाषा में जवाब दिया जा रहा है.

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