1 साल में 2 करोड़ कुत्तों का सूप गटक जाते हैं China के लोग, जिंदा ही उबाल देते हैं कसाई
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1 साल में 2 करोड़ कुत्तों का सूप गटक जाते हैं China के लोग, जिंदा ही उबाल देते हैं कसाई

Dog meat in China: इन कुत्तों (Dogs) को लोहे के पिंजरों में डाल दिया जाता है और इन्हें कई दिनों तक भूखा रखा जाता है. इनकी हत्या करने के बाद इनके मृत शरीरों को मीट मार्केट में टांग दिया जाता है. 

फाइल फोटो

बीजिंग: चीन (China) के वुहान (Wuhan) में स्थित एनिमल मार्केट लंबे समय से विवादों में है. कोरोना वायरस (Coronavirus) का पहला केस यहीं मिला था. कोरोना को लेकर अलग-अलग थ्योरी दी जाती हैं. कभी कहा गया कि कोरोना, चमगादड़ खाने से फैला तो कभी कहा गया कि इसे चीन ने इसे अपनी वुहान लैब में बनाया.

  1. चीन में कुत्तों पर अत्याचार
  2. बेजुबान मचाते हाहाकार
  3. जिंदा उबाल देते हैं लोग

चीनी लोगों के अजीबोगरीब खान-पान को देखकर इस थ्योरी पर कुछ लोगों ने यकीन किया क्योंकि यहां के लोग किसी भी जानवर को पकाकर खा जाते हैं. दुनिया जानती है कि चीन वो देश है जहां सांप और कोबरा जैसे जहरीले जानवरों से लेकर कुत्ते के मांस (Dog Meat) तक का व्यापार धड़ल्ले से किया जाता है.

दरिंदगी की इंतहा

मांस व्यापार के लिए कुत्तों के साथ बर्बरता के न जाने कितने अनगिनत मामले हैं कभी यहां डॉग मीट फेस्टिवल (Dog Meat Festiwal) के नाम पर लाखों कुत्तों को काट दिया जाता है. तो कभी स्लाटर हाउस में जिंदा उबाल दिया जाता है. द सन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक चीन में मीट व्यापार के लिए करोड़ों कुत्तों का संहार हो चुका है.

कई बार तो इस काम में गर्भवती फीमेल डॉग को भी नहीं बख्शा जाता. चीन में जानवरों के साथ क्रूरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मीट मार्केट में उसे बेचने के लिए कसाई कुत्तों को जिंदा ही उबाल देते हैं.

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भाग न सकें इसलिए काट दिया पंजा

इतना ही नहीं, कुत्तों को भागने से रोकने के लिए उनके पंजे भी काट दिये जाते हैं. हालांकि NoToDogMeat नाम का एक संगठन एनिमल मार्केट से कुत्तों के रेस्क्यू के काम में लंबे समय से लगा है. लेकिन कमजोर और गरीब तबके के लोगों पर उनकी बात का कोई असर नहीं होता है. 

हर साल 1 से 2 करोड़ कुत्तों का शिकार

उसका शरीर आठ पिल्लों को संभालने के लिए बहुत छोटा था. उन्होंने बताया कि जन्म के वक्त पिल्लों की स्थिति अच्छी नहीं थी. जैसे-जैसे दिन बीतते गए एक के बाद एक पिल्ला हमें छोड़कर चला गया. वे इसलिए मर गए क्योंकि उनकी गर्भवती मां को सही इलाज नहीं मिला और उसके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया गया.

अंतरराष्ट्रीय संस्था ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल का अनुमान है कि यहां हर साल 1 से 2 करोड़ कुत्ते मारे जाते हैं. यहां एक व्यस्क कुत्ता सूप या स्टू में पकाने के लिए 100 पाउंड (करीब 10 हजार रुपए) में बेचा जाता है.

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