आईएसआई द्वारा आतंकवादियों को स्वतंत्र रूप से संचालित करने के लिए 1998 में अल बद्र समूह का जन्म हिज्बुल-मुजाहिद्दीन से हुआ था.
Trending Photos
नई दिल्ली: पाकिस्तानी आतंकवादियों के लिए चीन (China) के समर्थन को बीजिंग द्वारा अपने हमेशा से ही सहयोगी रहे पाकिस्तान पर अपनी पकड़ बनाए रखने के तरीके के रूप में देखा गया था और अब रिपोर्टों के मुताबिक, चीन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में एक आतंकी समूह को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है.
सूत्रों के अनुसार, चीनी अधिकारियों ने हाल ही में पीओके में अल बद्र के आतंकवादियों के साथ मुलाकात की है. अल बद्र एक खत्म हुआ आतंकी समूह है, जिसे चीन वापस ला सकता है. बता दें कि आईएसआई द्वारा आतंकवादियों को स्वतंत्र रूप से संचालित करने के लिए 1998 में अल बद्र समूह का जन्म हिज्बुल-मुजाहिद्दीन से हुआ था.
ये भी पढ़ें:- चीन के साथ दूसरे चरण का व्यापारिक समझौता करने से ट्रंप ने किया इनकार
अल बद्र के दो निर्धारित उद्देश्य थे- जिसमें कश्मीर स्वतंत्र संग्राम को मजबूत करना उनका प्रथम लक्ष्य था. जबकि उनका दूसरा लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को भारत से मुक्त करने और पाकिस्तान के साथ विलय करना था. इस समूह का अफगानिस्तान और जम्मू-कश्मीर में हिंसा का बड़ा इतिहास है, और रिपोर्टों के मुताबिक, यह संयुक्त जिहाद संगठन का हिस्सा है जो जम्मू-कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकवादियों का एक बड़ा समूह है.
गौरतलब है कि भारत ने अल बद्र पर साल 2002 में मुकदमा चलाया था और इसके प्रमुख नेताओं के बेअसर हो जाने के बाद यह समूह खत्म हो गया था. ग्रुप को जमात-ए-इस्लामी और आईएसआईसी से पैसा मिलता था. चीन के समर्थन से इस समूह को फिर से नया जन्म मिल सकता है. जम्मू और कश्मीर पुलिस को भी अल बद्र के पुनरुद्धार की भनक लग चुकी है.
ये भी देखें-