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नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात चीन की सेना ने हिंदी भाषा सीखनी शुरू कर दी है, जिससे यह पता चलता है कि वह पीछे हटने को तैयार नहीं है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के टीवी नेटवर्क सीसीटीवी-7 ने हाल ही में पैंगोंग सो के पास तैनात पीएलए के सैनिकों की फुटेज जारी की थी, जिसमें वे हिंदी सीखते देखे जा सकते थे.
फुटेज में एक सैनिक की नोटबुक दिखाई गई, जिस पर लिखा था, 'हम चीनी सैनिक हैं. ये हमारे कमांडर हैं. हम बातचीत करें?' इसे चीन के सरकारी चैनल ने शीर्षक दिया था, 'चार महीने में हिंदी (Hindi) सीख ली. उसने सीमा रेखा पर तैनात विदेशी सेनाओं के साथ बातचीत की.'
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चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने हाल में अपने भारत दौरे के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) के साथ कहा था कि चीन और भारत को सीमा मसले को द्विपक्षीय संबंधों के विकास के आड़े नहीं आने देना चाहिए.
इस पर जयशंकर और डोभाल दोनों ने वांग के साथ की गई अलग-अलग बैठकों में उनसे यह साफ कह दिया था कि सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति द्विपक्षीय संबंधों (Bilateral Relations) को सामान्य नहीं होने देगी और उन्हें लद्दाख में सभी विवादित स्थानों से सेना पीछे हटाने होगी, ताकि वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line Of Actual Control) पर स्थिति नियंत्रित हो सके.
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जयशंकर ने कहा कि सेना के स्तर पर 15 दौर की बातचीत और राजनयिक स्तर पर आठ दौर की बातचीत के बाद कई विवादित जगहों से चीनी सेना पीछे हटी है लेकिन अभी इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना बाकी है. उन्होंने कहा था कि अप्रैल 2020 से चीन की सेना (Chinese Army) की तैनाती के कारण उपजे तनाव को दो पड़ोसी देशों के बीच मेलजोल से सामान्य रिश्ते में नहीं बदला जा सकता है.
(इनपुट - आईएएनएस)
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