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बीजिंग: लद्दाख (Ladakh) में पकड़े गए चीनी सैनिक (Chinese Soldier) को रिहा करके भारत ने जो दरियादाली दिखाई है उसके चीनी रक्षा विशेषज्ञ (Chinese Defence Expert) भी मुरीद हो गए हैं. चीन की कम्युनिस्ट सरकार के मुंह से भले ही तारीफ के बोल न निकल रहे हों, लेकिन उसके रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि कब्जे में आए चीनी सैनिक को वापस सौंपकर भारत ने सीमा तनाव (Border Dispute) को कम करने में सद्भावना दिखाई है. बता दें कि 8 जनवरी को भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिण इलाके से चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के एक सैनिक को पकड़ा था, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पार कर भारत की तरफ आ गया था.
शिंघुआ विश्वविद्यालय में चीन (China) के नेशनल स्ट्रेटजी इंस्टीट्यूट (National Strategy Institute) के शोध विभाग के निदेशक कियान फेंग (Qian Feng) ने ग्लोबल टाइम्स (Global Times) से बातचीत में कहा कि लापता चीनी सैनिक की वापसी दोनों देशों के बीच सीमा नियमन तंत्र पर बनी सहमति के अनुरूप हुई है. उन्होंने नई दिल्ली की तारीफ करते हुए आगे कहा कि चार दिनों के अंदर चीनी सैनिक को वापस कर भारत ने सीमा पर तनाव कम करने की दिशा में सद्भावना का प्रदर्शन किया है.
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वहीं, चीनी सेना ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर सैनिक की वापसी की बात कही है. अपने बयान में PLA ने कहा है कि चीन और भारत के बीच हुए समझौते के तहत चीनी सैनिक को भारतीय पक्ष ने 11 जनवरी 2021 को चीनी सीमा सैनिकों को सौंप दिया. चीन ने शनिवार को कहा था कि अंधेरे और जटिल भूगोल की वजह से एक चीनी सैनिक चीन-भारत सीमा पर लापता हो गया था और भारतीय पक्ष से उसे लौटाने को कहा गया था. सीमा पर जारी गतिरोध के बीच यह दूसरा मौका है जब भारत ने अपने कब्जे में आए चीनी सैनिक को लौटाया है.
इससे पहले, 18 अक्टूबर को सीमा पर एक चरवाहे की मदद करने के दौरान चीनी सैनिक कथित तौर पर लापता हो गया था. गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विवाद पिछले साल मई में शुरू हुआ था, जब चीन ने लद्दाख के अक्साई चिन की गलवान घाटी में भारत की ओर से सड़क निर्माण को लेकर आपत्ति जताई थी. 5 मई को भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद सैन्य गतिरोध पैदा हो गया. इसके बाद चीनी सैनिक 9 मई को सिक्किम के नाथू ला में भी भारतीय सैनिकों के साथ उलझ गए थे, जिसमें कई सैनिकों को चोटें आई थीं.
15 जून को लद्दाख (Ladakh) के गलवान घाटी में भी भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. वहीं भारतीय सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में 50 से ज्यादा चीनी सैनिक मारे गए थे. इसके बाद भारत और चीन के बीच कई स्तर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन गतिरोध पर कोई हल नहीं निकला है. हर बार चीन कुछ न कुछ ऐसा कर देता है, जिससे बातचीत के जरिए समाधान निकालने की कोशिशों को झटका लगता है.
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