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इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में हुए आतंकी हमले से चीनी नागरिक (Chinese Nationals) इस कदर डर गए हैं कि अब उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए खुद हथियार उठा लिए हैं. सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें CPEC प्रोजेक्ट्स पर पाकिस्तान में काम कर रहे चाइनीज इंजीनियर एके-47 लिए नजर आ रहे हैं. बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी इलाके में एक बस में हुए विस्फोट में 9 चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई थी.
पाकिस्तान (Pakistan) में अपने नागरिकों की मौत से चीन (China) बुरी तरह बौखला गया है. उसने जांच के लिए अपनी एक टीम भी भेजी है. वहीं, अपने ‘आका’ को खुश करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने सभी चीनी नागरिकों की सुरक्षा का भरोसा दिलाया है, लेकिन चीन-पाक आर्थिक गलियारे (CPEC) के कामकाज में लगे चाइनीज वर्कर्स का डर खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए टूलकिट छोड़कर एके-47 जैसे हथियार उठा लिए हैं.
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पाकिस्तान में मौजूद चीनी नागरिकों को लगता है कि इमरान खान सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रही है और आगे भी उनकी जान को खतरा हो सकता है. इसलिए अब उन्होंने खुद हथियार उठा लिए हैं. हालांकि, गौर करने वाली बात ये है कि आखिर वर्कर्स के पास इतने घातक हथियार आए कहां से? क्या चीन ने खुद अपने नागरिकों को हथियार उपलब्ध कराए हैं या फिर यह तालिबान के साथ बढ़ती उसकी नजदीकी का सबूत है? यदि इस सवाल का जवाब ‘हां’ है, तो भी पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाएगा. क्योंकि चीन नागरिकों की मनमानी के किस्से कई बार सामने आ चुके हैं.
कुछ वक्त पहले, चीनी कामगारों की पाकिस्तानी सेना के अधिकारी से कहासुनी हुई थी. जिसकी रिपोर्ट अधिकारी ने वरिष्ठ अधिकारियों से की थी, लेकिन चीनियों पर कार्रवाई करने के बजाये अधिकारी को ही खामोश करा दिया गया था. यह बात भी सामने आई है कि चीनी श्रमिक रेड लाइट एरिया में जाने के लिए पाकिस्तानी सेना के वाहन इस्तेमाल करते हैं. इस पर भी इमरान सरकार और सेना खामोश हैं.
चीनी कर्मचारियों का एके-47 के साथ काम करना पाकिस्तान की उन दो स्पेशल सिक्योरिटी डिवीजन पर भी सवाल खड़े करता है, जो पाक ने चीनियों की सुरक्षा के लिए गठित की थीं. सितंबर 2016 में 34 लाइट इन्फैंट्री डिवीजन और 2020 में 44 लाइट इन्फैंट्री डिवीजन को अमल में लाया गया था. प्रत्येक डिवीजन में 15000 सैनिक हैं, लेकिन इसके बावजूद चीनी नागरिकों को अपनी सुरक्षा का डर सता रहा है.
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का ड्रीम प्रोजेक्ट CPEC चीन के पश्चिमी क्षेत्र को पाक के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है. इसका उद्देश्य चीनी उत्पादों को पश्चिम एशिया में एक व्यापक बाजार उपलब्ध कराना है. हालांकि, परियोजना की व्यवहार्यता और वित्तीय प्रभाव के बारे में कई बार सवाल उठते रहे हैं. माना जाता है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान सरकार को आर्थिक मदद भी मुहैया कराती है.