DNA Analysis: चीन के बैंकों में लोगों के कैसे फंस गए 46 हजार करोड़ रुपये? ऐसे समझिए पूरा माजरा
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DNA Analysis: चीन के बैंकों में लोगों के कैसे फंस गए 46 हजार करोड़ रुपये? ऐसे समझिए पूरा माजरा

चीन में लोगों के बैंकों में जमा 46 हजार करोड़ रुपये डूब गए हैं. लोगों के विरोध को देखते हुए वहां बैंकों के बाहर टैंक तैनात हैं. ऐसे में आज हम आपको समझाते हैं कि पूरा माजरा क्या है. 

DNA Analysis: चीन के बैंकों में लोगों के कैसे फंस गए 46 हजार करोड़ रुपये? ऐसे समझिए पूरा माजरा

DNA on bank fraud in China: चीन (China) के पांच बैंकों में हुए भ्रष्टाचार ने वहां के लोगों को गुस्से से भर दिया है. इन बैंकों में चीन के चार लाख लोगों के 46 हजार करोड़ रुपये फंस गए हैं. ये लोग अब अपना पैसा लेने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं. लेकिन चीन अपनी सेना और टैंकों की मदद से इस विरोध को भी कुचल देना चाहता है. सबसे पहले आपको ये बताते हैं कि ये पूरा मामला क्या है. तो ये पूरा घटनाक्रम चीन के हेनान प्रांत की है. बताया जा रहा है कि हेनान प्रांत के पांच ग्रामीण बैंकों में चीन के चार लाख लोगों के Saving Bank Accounts Freeze हो गए हैं.

बैंकों में जमा 40 हजार करोड़ रुपये हो गए फ्रीज

चीन (China) की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इन Bank Accounts में लोगों के डेढ़ Billion Dollar यानी 12 हजार करोड़ रुपये जमा हैं. जबकि अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों का दावा है कि ये रकम 5.8 Billion Dollar यानी भारतीय रुपयों में 40 हजार करोड़ रुपये हो सकती है.

इन बैंकों ने दो महीने पहले ये कहते हुए इन सभी Bank Accounts को Freeze किया था कि वो Maintenance का कुछ काम कर रहे हैं. और जैसे ही तकनीकी खामियां दूर हो जाएंगी, लोग अपने Accounts में जमा पैसा वापस निकाल सकेंगे. लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी जब इन बैंकों की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई तो लोग इसके खिलाफ सड़कों पर उतर आए और वहां जबरदस्त विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.

विरोध दबाने के लिए टैंकों का इस्तेमाल कर रही चीनी सेना

हैरानी की बात ये है कि चीन (China) इन विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए उसी तरह अपनी सेना और टैंकों का इस्तेमाल कर रहा है, जिस तरह उसने वर्ष 1989 में किया था. उस समय चीन के Tiananmen Square पर लाखों छात्रों ने ऐसा ही प्रदर्शन किया था, जिसके बाद चीन ने सड़कों पर अपने टैंक उतार दिए थे और एक छात्र इन टैंकों के सामने जाकर खड़ा हो गया था. चीन में Communist शासन के इतिहास का ये सबसे बड़ा प्रदर्शन था, जिसमें 10 लाख छात्र आजादी और लोकतंत्र के लिए सड़कों पर उतर गए थे और आज भी चीन के लाखों लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं.

बैकों को चलाने वाली कंपनियों ने बिल्डरों को बांट दिया लोन

बड़ी बात ये है कि जो कम्पनियां इन बैंकों का संचालन करती हैं, वो चीन के 10 और ग्रामीण बैंकों से जुड़ी हुई हैं. इसलिए हो सकता है कि आने वाले दिनों में वहां के दूसरे ग्रामीण बैंकों में भी इस तरह के भ्रष्टाचार सामने आए. हालांकि आपके मन में ये सवाल भी होगा कि इन बैंकों ने ऐसा कौन सा भ्रष्टाचार किया कि इन्हें लाखों लोगों के Saving Bank Accounts Freeze करने पड़े?

दरअसल इन बैंकों ने चीन (China) के ग्रामीण लोगों को धोखा दिया. चीन में ज्यादातर बैंक Saving Bank Accounts पर चार से पांच प्रतिशत तक ब्याज़ देते हैं. लेकिन जिन बैंकों में ये भ्रष्टाचार हुआ, उन बैंकों ने चीन के ग्रामीण इलाकों में ये ऐलान किया कि वो उनकी बचत पर 7 से 8 प्रतिशत तक ब्याज देंगे. इस बात का इन बैंकों द्वारा इतना प्रचार प्रसार किया गया कि चीन के लाखों लोगों ने अपनी जमा पूंजी इन बैंकों को सौंप दी.

डिफॉल्टर हो गए बिल्डर, डूब गया लोगों का पैसा

इसके बाद इन बैंकों ने चीन (China) की जिस बड़ी Real Estate Company को लोन दिए, वो कम्पनी समय पर लोन नहीं लौटा पाई. इस तरह चीन के ग्रामीण लोगों का पैसा बाजार में फंस गया. इन बैंकों ने बचने के लिए उनके Accounts Freeze कर दिए. चीन में इस तरह के चार हजार ग्रामीण बैंक हैं. जिनमें से ज्यादातर सरकार द्वारा नियंत्रित होते हैं. इसलिए ये मामला बहुत गम्भीर हो सकता है और चीन की आर्थिक रीढ़ को भी कमज़ोर कर सकती है.

पिछली तिमाही में चीन की GDP ग्रोथ रेट 0.4 प्रतिशत रही है. यानी चीन में आर्थिक अस्थिरता बढ़ रही है और बैंकों के इस संकट ने चीन की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.

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