Trending Photos
इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) की सियासत में इन दिनों जो चल रहा है, वो मौसम से मेल खा रहा है. दरअसल जिस तरह पिछले कुछ दिनों से पतझड़ में पेड़ों के पत्ते झड़ रहे हैं, ठीक उसी तरह चार साल से घिसट-घिसट कर चल रही पीएम इमरान खान (Imran Khan) की सरकार भी पतझड़ का सामना कर रही है, पहले एक-एक करके सभी सहयोगी दल उनकी पार्टी PTI का साथ छोड़ते चले गए और आज (रविवार को) इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होने के प्रस्ताव के खारिज होने के बाद संसद को भंग करने का सिफारिश राष्ट्रपति को भेज दी.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के हालात कुछ यूं बदले कि अब सोशल मीडिया पर उनके दोस्त नवजोत सिंह सिद्धू की भी जमकर चर्चा हो रही है क्योंकि कुछ वक्त पहले सिद्धू अर्श पर थे, लेकिन पंजाब में हुए विधान सभा चुनाव के बाद वो भी फर्श पर पहुंच गए.
बीते कुछ सालों में ऐसे कई मौके आए जब कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने खुले मंच से इमरान खान की तारीफ की और उन्हें अपना दोस्त बताया. ये सब तब हुआ जब भारत में पाकिस्तान के साथ रिश्तों को लेकर तनाव बढ़ रहा था. हालांकि बाद में नवजोत सिंह सिद्धू को उनके बयानों के लिए बैकफुट पर जाना पड़ा था, लेकिन अपने ‘दोस्त’ इमरान खान के लिए उनका याराना कम नहीं हुआ. गौरतलब है कि टीम इंडिया में जब सिद्धू की गिनती भारत के विस्फोटक बल्लेबाजों में होती थी तब पाकिस्तानी टीम में इमरान खान की बॉलिंग का जलवा था.
ये भी पढ़ें- 'हलाल' मीट के विरोध से बिजनेस पर कितना पड़ा असर? मुस्लिम दुकानदारों ने किया खुलासा
इमरान खान जब पिछले चुनावों में अपनी पार्टी की रैलियों में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर लाहौर और कराची की गलियों में निकलते थे, तो लोगों को लगता था कि वो पाकिस्तान में एक नई क्रांति का प्रतीक बनेंगे. आंदोलन की लहर में इमरान चुनाव जीते और उन्होंने सरकार भी बना ली. लेकिन उसके बाद से ही उनके अर्श से फर्श पर आने का सिलसिला शुरू हो गया. उनकी सरकार पर सेना के इशारों पर चलने का आरोप लगा. इमरान खान के बयानों और नीतियों ने पाकिस्तान को घरेलू और ग्लोबल लेवल पर संकट में डाला और पाकिस्तान में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ती चली गई.
अब बात नवजोत सिंह सिद्धू की करें तो कांग्रेस में आकर उन्होंने जिस तरह हुंकार भरी उससे एक वक्त पार्टी के लिए नई उम्मीद पैदा हुई. कांग्रेस में रहकर नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही पार्टी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा, अपनी ही सरकार को आड़े हाथों लिया. पंजाब में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे नवजोत सिंह सिद्धू की वजह से कैप्टन अमरिंदर सिंह को पार्टी छोड़नी पड़ी थी. फिर चरणजीत सिंह चन्नी सीएम बनाए गए थे. पंजाब में कांग्रेस की सियासी खींचतान की वजह से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए और सिद्धू के हाथ कुछ नहीं लगा. यानी जो हाल इधर सिद्धू की सियासत का हुआ कुछ वैसा ही सीमा पार उनके दोस्त इमरान खान के साथ हो गया.
LIVE TV