Pakistan: इमरान खान ने पहली बार खोला राज, बताया उनके पास थे ये 3 ऑप्‍शन
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Pakistan: इमरान खान ने पहली बार खोला राज, बताया उनके पास थे ये 3 ऑप्‍शन

Imran Khan on Army: इमरान खान जानते हैं कि उन्हें सत्ता से बाहर करने में सेना ने बड़ी भूमिका निभाई है. इसलिए समय-समय पर वो सेना पर निशाना साध लेते हैं. एक बार फिर उन्होंने पाकिस्तानी सेना को बड़े प्यार से झूठा करार दिया है, लेकिन साथ ही उसकी तारीफ भी कर गए हैं.

फाइल फोटो

Pakistan News: पाकिस्तान की सत्ता से बेदखल हुए इमरान खान (Imran Khan) लगातार सेना और सरकार पर हमले कर रहे हैं. अब उन्होंने एक तरह से सेना को झूठा करार दिया है. खान का कहना है कि सेना ने उन्हें तीन विकल्प दिए थे. जबकि पाकिस्तानी फौज की तरफ से कहा गया था कि राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान उसके द्वारा कोई विकल्प नहीं दिया गया था.

इस प्रस्ताव पर थे सहमत

इमरान खान (Imran Khan) ने यह टिप्पणी इस्लामाबाद में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान की. 'तीन विकल्पों' के बारे में सेना के स्पष्टीकरण को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पूर्व प्रधानमंत्री खान ने कहा, 'प्रतिष्ठान ने मुझे तीन विकल्प दिए थे, इसलिए मैं चुनाव के प्रस्ताव से सहमत हो गया. मैं इस्तीफे और अविश्वास प्रस्ताव के सुझाव को कैसे स्वीकार कर सकता था'. गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में हारने के बाद इमरान खान सत्ता से बाहर हो गए थे.

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रूस यात्रा पर कही ये बात

हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह ऐसा कुछ नहीं कहेंगे जिससे देश को नुकसान पहुंचे. उन्होंने कहा, 'मैं कुछ नहीं कह रहा, क्योंकि पाकिस्तान को एक मजबूत और एकजुट सेना की जरूरत है. हम एक मुस्लिम देश हैं और एक मजबूत सेना हमारी सुरक्षा की गारंटी है'. उन्होंने स्पष्ट किया कि सेना उनकी रूस यात्रा को लेकर अवगत थी और उन्होंने यात्रा से पहले सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा को फोन किया था और उन्होंने कहा था कि हमें रूस की यात्रा करनी चाहिए.

क्या कहा था सेना ने? 

खान की यह टिप्पणी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार के यह कहने के कुछ दिनों बाद आई है कि विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध के दौरान, प्रधानमंत्री कार्यालय ने राजनीतिक संकट का समाधान खोजने में मदद करने के लिए सेना प्रमुख से संपर्क किया था. उन्होंने गुरुवार को कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारा राजनीतिक नेतृत्व बात करने के लिए तैयार नहीं था. इसलिए सेना प्रमुख और डीजी आईएसआई प्रधानमंत्री कार्यालय गए और तीन परिदृश्यों पर चर्चा की गई.

इनपुट: भाषा

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