Islamophobia पर ज्ञान देना Imran Khan को पड़ा भारी, Uighur पर पूछे गए ऐसे सवाल कि चेहरे का रंग उड़ गया
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Islamophobia पर ज्ञान देना Imran Khan को पड़ा भारी, Uighur पर पूछे गए ऐसे सवाल कि चेहरे का रंग उड़ गया

चीन के मुद्दे पर खुद को घिरता देखकर इमरान खान ने कश्मीर राग अलापना शुरू कर दिया. उन्‍होंने कहा कि कश्मीर के लोगों की अनदेखी क्यों की जाती है, जबकि इस पर बात करना भी जरूरी है. हालांकि, इमरान का यह तरीका काम नहीं आया. पत्रकार ने फिर से उन्हें चीन के सवाल पर लाकर खड़ा कर दिया

फाइल फोटो

इस्‍लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को दुनियाभर में मुस्लिमों पर होने वाला कथित अत्याचार नजर आता है, लेकिन पड़ोसी चीन (China) से वीगर मुस्लिमों (Uighur Muslims) की चीखें सुनाई नहीं देतीं. इसी मुद्दे पर जब एक विदेशी पत्रकार ने इमरान खान से सवाल किया तो उनके चेहरे का रंग उड़ गया. दरअसल, इंटरव्यू के दौरान इमरान इस्‍लामोफोबिया (Islamophobia) पर बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे. वो यह बताने का प्रयास कर रहे थे कि मुस्लिमों को जबरन निशाना बनाया जाता है पर चीन का नाम आते ही उनकी आवाज धीमी पड़ गई. 

  1. एक इंटरव्यू के दौरान तीखी सवालों का किया सामना
  2. चीन पर कुछ ज्यादा नहीं बोल पाए इमरान खान
  3. वीगर मुस्लिमों के अत्याचार पर खामोश रहता है पाक

Imran ने 9/11 का किया जिक्र

पाकिस्तानी PM इमरान खान ने Axios चैनल को दिए इंटरव्‍यू में कहा कि अमेरिका के 9/11 हमले के बाद दुनिया में इस्‍लामिक आतंकवाद शब्‍द प्रचलन में आया. उन्होंने कहा, ‘जब आप इस्‍लामिक आतंकवाद की बात करते हैं, तो पश्चिमी देशों में मान लिया जाता है कि इस्‍लाम की वजह से कट्टरता आई. 9/11 हमले के बाद से स्थिति ये है कि जब भी कोई हमला होता, जिसमें मुस्लिम शामिल होता है तो पूरे 1.3 अरब मुस्लिमों को निशाना बनाया जाने लगता है’.

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China का नाम सुनते ही धीमी हुई आवाज

इमरान के इस जवाब को पत्रकार ने चीन से जोड़ते हुए कहा कि आप पश्चिमी देशों में इस्‍लामोफोबिया का सवाल उठाते हैं, लेकिन चीन के वीगर मुस्लिमों पर अत्‍याचार को लेकर कुछ नहीं कहते. जबकि वहां मुस्लिमों का नरसंहार किया जा रहा है. यह सुनते ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के चेहरे का रंग उड़ गया. उन्होंने धीमी आवाज में कहा, ‘हम चीन से इस संबंध में बंद कमरे में बात करते हैं. चीन हमारे कठिन समय में सबसे अच्‍छा दोस्‍त रहा है. जब हमारी अर्थव्‍यवस्‍था संघर्ष कर रही थी, चीन हमारी मदद करने आया था’.

फिर अलापा Kashmir राग 

चीन के मुद्दे पर खुद को घिरता देखकर इमरान खान ने कश्मीर राग अलापना शुरू कर दिया. उन्‍होंने कहा, 'पश्चिमी देशों में वीगर मुस्लिमों का मुद्दा काफी बड़ा है, लेकिन कश्मीर के लोगों की अनदेखी क्यों की जाती है? जबकि इस पर बात करना भी जरूरी है’. हालांकि, इमरान का यह तरीका काम नहीं आया. पत्रकार ने फिर से उन्हें चीन के सवाल पर लाकर खड़ा कर दिया. पाकिस्तान के PM से पूछा गया कि क्‍या आप वीगर मुस्लिमों के मुद्दे पर इसलिए चुप हैं, क्योंकि आपको चीन से आर्थिक मदद मिलती है? इसका इमरान खान ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया.

जवाब देकर फिर फंसे PM  

इमरान ने कहा कि दुनिया में काफी कुछ हो रहा है, लेकिन मैं सबके बारे में बात नहीं कर सकता. जो मेरे देश की सीमा पर है, मैं उनके बारे में ज्‍यादा चिंतित हूं. इस पर खान एक बार फिर से फंस गए, क्‍योंकि चीन का शिंजियांग प्रांत पाकिस्‍तान की सीमा पर ही है और यहां वीगर मुस्लिमों को कैदियों की तरह रखा जाता है, उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है. इस पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने फिर से मुद्दे को कश्मीर की तरफ मोड़ने का प्रयास किया. 

 

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