FATF के प्रकोप से बचने के लिए Imran Khan ने सेना संग बनाया Plan, आतंकी गुटों को मिलेगा सियासी दल का दर्जा!
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FATF के प्रकोप से बचने के लिए Imran Khan ने सेना संग बनाया Plan, आतंकी गुटों को मिलेगा सियासी दल का दर्जा!

इमरान खान और पाकिस्‍तानी सेना फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के गुस्से से बचने का रास्‍ता तलाश रहे हैं. इसी के मद्देनजर आतंकी गुटों को राजनीति की मुख्‍यधारा में लाने की योजना है. सरकार इस योजना पर सहमत हो गई है. सबसे पहले इसकी सलाह खुफिया एजेंसी आईएसआई ने दी थी.

फाइल फोटो

इस्‍लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा (General Qamar Javed Bajwa) आतंकियों के संरक्षण के एक नए प्लान पर काम कर रहे हैं. जिसके तहत आतंकी गुटों को राजनीति की मुख्‍यधारा में लाया जाएगा. पाकिस्तान का यह प्रयास फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की अगली संभावित कार्रवाई से बचने के लिए है. बता दें कि FATF द्वारा पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा गया है और इससे बाहर निकलने के लिए इमरान खान छटपटा रहे हैं.    

  1. FATF की ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान
  2. आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करने की मिली सजा
  3. आतंकियों का संरक्षण करता है पाकिस्तान

विपक्ष ने खोला Imran के खिलाफ मोर्चा 

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकाल पाने को लेकर PM इमरान खान (Imran Khan) को विपक्ष की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है. दरअसल, आतंकियों को फंडिंग के विरुद्ध मामले पर 27 में 26 बिंदुओं को पूरा करने के बाद भी एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान की उम्‍मीदों पर पानी फेरते हुए उसे ग्रे लिस्‍ट में बरकरार रखा है, जिसके बाद से विपक्ष ने इमरान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गौरतलब है कि पाकिस्‍तान ने आतंकी फंड‍िंग की जांच और संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा घोषित आतंकियों पर ठोस कार्रवाई नहीं की थी, इसीलिए उसे एक बार फिर से ग्रे लिस्‍ट में डाल दिया गया है.

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सबसे पहले ISI ने दिया था सुझाव 

इमरान खान और पाकिस्‍तानी सेना लगातार इस स्थिति से निकलने के लिए रास्‍ता तलाश रही है. इसी के मद्देनजर आतंकी गुटों को राजनीति की मुख्‍यधारा में लाने की योजना है. रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पाक सरकार अब धार्मिक कट्टरपंथी गुटों को मुख्‍यधारा की राजनीति में लाने के विचार पर सहमत हो गई है. सरकार को सबसे पहले इसकी सलाह खुफिया एजेंसी आईएसआई ने दी थी.

Hafiz Saeed की कोशिश गई बेकार

ISI के कहने पर ही 2017 में आतंकी हाफिज सईद के जमात-उद-दावा संगठन ने मिल्‍ली मुस्लिम लीग (MML) की स्थापना की थी. हालांकि जनता ने MML को स्वीकार नहीं किया. MML अब पाकिस्‍तान के चुनाव आयोग में पंजीकरण के लिए संघर्ष कर रही है. उसे वर्ष 2018 के आम चुनाव में हिस्‍सा लेने से रोक दिया गया था. मालूम हो कि हाफिज सईद 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड है. हाल ही में उसके घर के बाहर एक कार धमाका हुआ था.  

‘अतिवादी विचारधारा छोड़नी चाहिए थी’

वहीं, पाकिस्तानी विश्‍लेषक नजरुल इस्‍लाम (Nazrul Islam) का कहना है कि आतंकी गुटों को मुख्‍यधारा में लाने को एक कदम के रूप में नहीं बल्कि प्रक्रिया के रूप में देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्‍यधारा की राजनीति में लाने से पहले आतंकी धार्मिक गुटों की अतिवादी विचारधारा को छोड़ने पर काम किया जाना चाहिए था. जबकि वर्तमान स्थिति में अभी तक यह प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है.

 

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