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Pakistan New Army Chief: पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद अब सेना के प्रमुख का बदला जाना तय माना जा रहा है. कमर जावेद बाजवा के बाद पाकिस्तान का अगला जनरल कौन होगा, यह सभी लोग जानना चाहते हैं.
पाकिस्तानी सेना के पीआर विंग के प्रमुख भी बाजवा के एक्सटेंशन की बात को खारिज कर चुके हैं. बाजवा के बाद पाकिस्तानी सेना की कमान संभालने के लिए 4 बड़े दावेदार हैं. ये सभी 2019 से प्रमोशन के बाद लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर काम कर रहे हैं.
हालांकि पाकिस्तानी सेना का प्रमुख इस साल के अंत में बदला जाना है लेकिन पूरे पाकिस्तान की निगाहें अभी से वहां शक्ति के दूसरे केंद्र रावलपिंडी पर लगी हैं. रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल के अंत में कमर जावेद बाजवा के बाद नया चेहरा पाकिस्तानी सेना प्रमुख की गद्दी संभालेगा.
फोर स्टार जनरल कमर जावेद बाजवा तीन साल के एक्सटेंशन के बाद 29 नवंबर 2022 को सेनाध्यक्ष के पोस्ट से रिटायर होने वाले हैं. 61 साल के जनरल बाजवा को 2016 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था. सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय किए गए रिटायरमेंट से ठीक 5 महीने पहले सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को जून 2020 में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक्सटेंशन देकर नमक का कर्ज अदा किया. अब कहा जा रहा है कि दो बार एक्सटेंशन के बाद बाजवा का जाना तय है.
पाकिस्तान का संविधान प्रधानमंत्री को सेनाध्यक्ष नियुक्त करने का अधिकार देता है. इसके लिए प्रधानमंत्री ऑफिस रक्षा मंत्रालय के माध्यम से सेना मुख्यालय से सबसे सीनियर जनरलों के नामों की सूची मांगता है, जो सेना प्रमुख बनने के लायक हों. इसके बाद सेना और नागरिक खुफिया एजेंसियों से इन नामों के बारे में रिपोर्ट तलब की जाती है.
यह प्रधानमंत्री पर निर्भर करता है कि वह रिटायर होने वाले सेना प्रमुख से उनके उत्तराधिकारी के बारे में राय मांगें या नहीं. यह भी जरूरी नहीं है कि सुझाए गए नामों में से किसी एक को नया सेनाध्यक्ष बनाया जाए. प्रधानमंत्री इस मामले में अपने मंत्रियों और सलाहकारों से भी मशविरा भी कर सकते हैं और अंत में इसका ऐलान खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ही करते हैं.
कौन -कौन हैं जनरल बाजवा की उत्तराधिकारी लिस्ट में?
- लेसाहिर शमशाद मिर्जा
- अजहर अब्बास
- नौमान महमूद राजा
- फैज हमीद
लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा बाजवा की रिटायरमेंट के बाद पाकिस्तानी सेना में सबसे वरिष्ठतम अधिकारी होंगे. सितंबर 2021 से रावलपिंडी में एक्स कोर के कमांडर के पद पर हैं. उन्हें 1987 में सिंध रेजिमेंट की 8 वीं बटालियन की एक पैदल सेना इकाई में कमीशन दिया गया था. मिर्जा को पाकिस्तान में एक कट्टर संस्थावादी के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने सेना के अधिकार और प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए लम्बे समय तक काम किया है.
जनरल मिर्जा ने नवंबर 2019 से सितंबर 2021 तक जीएचक्यू में चीफ ऑफ जनरल स्टाफ (CGS) और सितंबर 2015 से अक्टूबर 2018 तक डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के रूप में काम किया है. उन्होंने पंजाब में डेरा इस्माइल खान और ओकारा में डिवीजनों की भी कमान संभाली है. पाकिस्तानी सेना के भीतर उनकी वरिष्ठता के कारण, कई लोगों का मानना है कि लेफ्टिनेंट जनरल मिर्जा या तो (COS) या अध्यक्ष संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) के रूप में पदभार संभाल सकते हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद वर्तमान में पेशावर में XI कोर के कमांडर के रूप में कार्यरत हैं. वह जून 2019 से अक्टूबर 2021 तक ISI के DG भी रह चुके है. हमीद बलूच रेजिमेंट से है और पाकिस्तान के पंजाब में चकवाल जिले के लतीफल गांव के रहने वाले हैं. अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद अक्टूबर 2021 में उन्हें XI कोर का प्रभार दिया गया था.
लेफ्टिनेंट जनरल हमीद ने आईएसआई में आंतरिक सुरक्षा के महानिदेशक के रूप में भी काम किया है. साथ ही सिंध में पन्नू अकील में 16 इन्फैंट्री डिवीजन की कमान भी प्रमुख जनरल के तौर पर संभाल चुके हैं. जनरल बाजवा के साथ उनका निजी समीकरण कई साल पुराना है. एक ब्रिगेडियर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल हमीद ने जनरल बाजवा के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया, जो उस समय रावलपिंडी में एक्स कोर के साथ फील्ड कमांड ऑफिसर थे.
लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास वर्तमान में जीएचक्यू में चीफ ऑफ जनरल स्टाफ (CGS) के रूप में कार्यरत हैं. 1985 में बलूच रेजिमेंट की 41वीं बटालियन में कमीशन थे. ये वही रेजिमेंट है, जिसमें जनरल बाजवा भी रह चुके हैं. उन्होंने पहले क्वेटा में इन्फैंट्री स्कूल के कमांडेंट के रूप में काम किया है.
वह जनरल राहील शरीफ के निजी सचिव भी रहे है, जो नवंबर 2013 से नवंबर 2016 तक सेना प्रमुख थे. वह सितंबर 2019 से सितंबर 2021 तक एक्स कोर के कमांडर थे. इसे पाकिस्तानी सेना की एक प्रमुख डिवीजन के रूप में देखा जाता है क्योंकि यह भारत के साथ नियंत्रण रेखा (LOC) पर सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है.
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लेफ्टिनेंट जनरल नौमान महमूद राजा नवंबर 2021 से पाकिस्तान के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (NDU) के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. मूल रूप से रावलपिंडी के अधवाल गांव के रहने वाले नौमान महमूद राजा 1987 में बलूच रेजिमेंट की एक पैदल सेना बटालियन में नियुक्त थे. लेफ्टिनेंट जनरल राजा ने पेशावर में कोर कमांडर, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) में Director-General (DG) एनालिसिस Inter-Services Intelligence (ISI) और इंस्पेक्टर जनरल (IG) कम्युनिकेशन एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी ( GHQ ) में काम किया है.
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