Loyalty Test: कोई किसी के लिए कितना है वफादार? इसका पता लगाने के लिए चीन ने बनाया सिस्‍टम
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Loyalty Test: कोई किसी के लिए कितना है वफादार? इसका पता लगाने के लिए चीन ने बनाया सिस्‍टम

Loyalty Test Analysis: वफादारी के इस टेस्ट के नतीजे चाहे जो आएं आप किसी को कोई दवा देकर अपने लिए ना तो वफादार बना सकते हैं और ना ही दवा देकर बेवफा बना सकते हैं. वफादारी के लिए आपसी प्यार और सम्मान का निवेश ही काम आता है.

Loyalty Test: कोई किसी के लिए कितना है वफादार? इसका पता लगाने के लिए चीन ने बनाया सिस्‍टम

Loyalty Test Machine: क्या किसी की वफादारी का कोई पैमाना हो सकता है? चीन (China) से इस सवाल का जवाब आया है. दरअसल चीन के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने अपनी एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक (Artificial intelligence Techniques) से ऐसा एक सिस्टम डेवलप कर लिया है जो ये बता सकता है कि आप किसी के प्रति कितने वफादार यानी Loyal हैं. इस नए और हाईटेक सिस्टम को हेफेई नेशनल कॉम्प्रिहेंसिव साइंस सेंटर में विकसित करने का दावा किया गया है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये डिवाइस चेहरे के हावभाव, दिमाग की ईईजी रीडिंग और त्वचा में होने वाले बदलावों के आधार पर किसी को भी टेस्ट कर सकता है.

चीन का चौंकाने वाला खुलासा

चीन ने एक वीडियो जारी करते हुए ये दावा किया था कि उसका टेस्ट होते ही फौरन नतीजे (On the spot Results) सामने आ जाते हैं. अपने दावे की पुष्टि करने के लिए जो वीडियो जारी हुया था उसे बाद में हटा लिया गया. चीनी रिसर्चर का दावा है कि माइंड रीडिंग के काम में Artificial Intelligence System का इस्तेमाल हुआ है. वो कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों की वफादारी भी चेक करेगा. इस सिलसिले में ये दावा भी किया गया है कि पार्टी के 43 सदस्यों ने इस टेस्ट के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. हालांकि ये अलग बात है कि पहले भी ऐसे आरोप लग चुके हैं कि चीन शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुसलमानों की भावनाओं का पता लगाने के लिए फेशियल रिकॉग्निशन और आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस (AI) वाले कैमरों का इस्‍तेमाल कर रहा था.

भारत में भी हो रहा इस्तेमाल

चीन जिस टेक्नीक को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नाम पर लेकर आया है. ठीक ऐसी ही टेक्नीक भारत में पहले से इस्तेमाल की जा रही है. कानूनी मामलों में सच और झूठ का पता लगाने वाले पॉलीग्राफ टेस्ट को भारत में इस्तेमाल किया जाता है. चीन की टेक्नीक की ही तरह इस टेस्ट में भी सच और झूठ का पता लगाने के लिए कुछ ब्रेन की तरंगों, त्वचा में होने वाले बदलावों और चेहरे के हाव-भाव को चेक किया जाता है.

भारत के नतीजे 99% तक सही

Loyalty Test के लिए अपनाई जा रही मशीन से मिलने वाले स्कोर को 99 फीसदी तक सही माना जाता है. भारत में आजकल कई लोग शादी करने से पहले अपने पार्टनर या फिर शादी के बाद अवैध संबंधों के शक को दूर करने के लिए इस टेस्ट को करवा रहे हैं. एक्सपर्ट की राय में बीते कुछ सालों में भारत में इस तरह टेस्ट करवाने का चलन बढ़ गया है. ज़ी न्यूज़ की टीम ने खुद जाकर इस टेस्ट की पड़ताल की और समझने की कोशिश की कि वफादारी को नापने वाली मशीनें कितनी वफादारी से काम करती हैं.

भारत में कैसे होता है वफादारी का टेस्ट?

दरअसल टेस्ट के लिए कुछ मशीनें लगाई जाती हैं. त्वचा में होने वाले बदलाव पढ़ने के लिए उंगलियों में इलेक्ट्रोड्स लगाए जाते हैं जो शरीर में रक्त के प्रवाह को नापते हैं कि वो तेज या कम तो नहीं हो रहा है. इसके अलावा त्वचा में होने वाले कंपन को भी रीड किया जा सकता है. शरीर में रोंगटे खड़े होने की पड़ताल की जा सकती है. सीने पर और पेट पर भी मशीन लगाई जाती है. सीने की मशीन जहां हार्ट बीट चेक करती है वहीं पेट की गुड़गुड़ाहट के लिए भी डिवाइस लगाई जाती है. ब्लड प्रेशर मॉनिटर से बीपी में होने वाले बदलावों पर नज़र रखी जाती है. ब्रेन में होने वाले बदलावों में पढने के लिए ब्रेन मैपिंग की जाती है. इसके लिए ईईजी भी किया जा सकता है जो चीन कर रहा है.

एक्सपर्ट्स की राय

इस टेस्ट को पॉलीग्राफ, ब्रेन मैपिंग या लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कहा जाता है. हालांकि इस टेस्ट के लिए करवाने वाले व्यक्ति की मंजूरी होना जरुरी है. एक्सपर्ट्स की राय में ये टेस्ट लगभग 100 फीसदी सही नतीजे दे देता है और इनके नतीजों ने कई घर बचाए हैं तो कई रिश्ते टूटे भी हैं. इस विषय को लेकर मनोचिकित्सक डॉ संदीप वोहरा का मानना है कि भारत में इस तरह के टेस्ट की डिमांड का बढ़ना बता रहा है कि रिश्तों में आपसी विश्वास की मजबूती घट रही है. ऐसे में लोगों को रिश्ते मजबूत करवाने पर जोर देना चाहिए, टेस्ट के नतीजों पर नहीं.

चीन एक कदम आगे बढ़कर राजनीतिक पार्टियों की वफादारी को इस टेक्नीक से नापने जा रहा है. सोचिए भारत में भी अगर ऐसा होने लगे तो राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे शायद हमें पहले से पता हो जाएं. वहीं महाराष्ट्र से लेकर गोवा तक शिवसेना में चली बगावत यात्रा का पता पहले से लगाया जा सके. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि वफादारी के इस टेस्ट के नतीजे चाहे जो आएं आप किसी को कोई दवा देकर अपने लिए ना तो वफादार बना सकते हैं और ना ही दवा देकर बेवफा बना सकते हैं. वफादारी के लिए आपसी प्यार और सम्मान का निवेश ही काम आता है. इसलिए उसी में इन्वेस्ट करिए. दूरगामी नतीजे आपके पक्ष में रहने की गारंटी देने वाले इस फॉर्मूले को किसी टेस्ट की जरुरत नहीं है.

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