Fatima Bhutto Marriage: बताया जा रहा है कि यह शादी समारोह काफी में केवल करीबी दोस्त और परिवार के लोग उपस्थित थे. दूल्हा-दुल्हन ने अभी तक अपनी शादी को लेकर सार्वजनिक बयान नहीं दिया है.
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Pakistan News: पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की पोती फातिमा भुट्टो शादी के बंधन में बंध गईं. मुर्तजा भुट्टो की बेटी और पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो की भतीजी फातिमा भुट्टो का निकाह समारोह कराची में 70 क्लिफ्टन में परिवार के आवास पर हुआ. बताया जा रहा है कि यह शादी समारोह काफी में केवल करीबी दोस्त और परिवार के लोग उपस्थित थे. दूल्हा-दुल्हन ने अभी तक अपनी शादी को लेकर सार्वजनिक बयान नहीं दिया है.
फातिमा के भाई जुल्फिकार अली भुट्टो जूनियर ने सोशल मीडिया पर शादी की जानकारी साझा करते हुए जोड़े की एक तस्वीर पोस्ट की और नवविवाहितों को बधाई दी.
अली भुट्टो जूनियर ने शुक्रवार को ट्विटर हैंडिल पर लिखा, ‘हमारे पिता शहीद मीर मुर्तजा भुट्टो और भुट्टो परिवार की ओर से, मुझे कुछ खुशखबरी साझा करते हुए बहुत खुशी हो रही है. मेरी बहन फातिमा और ग्राहम की शादी कल हमारे घर 70 क्लिफ्टन में एक अंतरंग निकाह समारोह में हुई थी.’
On behalf of our father, Shaheed Mir Murtaza Bhutto and the Bhutto family, I’m very happy to share some happy news. My sister Fatima and Graham were married in an intimate nikkah ceremony yesterday at our home, 70 Clifton. pic.twitter.com/SQjPB4yB7r
— Zulfikar Ali Bhutto ذوالفقار علي ڀٽو (@BhuttoZulfikar) April 28, 2023
अली भुट्टो जूनियर ने लिखा, ‘समारोह में फातिमा के प्रियजनों ने हमारे दादाजी के पुस्तकालय में भाग लिया, एक ऐसी जगह जो मेरी प्यारी बहन के लिए बहुत मायने रखती है. हमारे साथी देशवासियों और महिलाओं द्वारा महसूस की गई कठिन परिस्थितियों के कारण, हम सभी ने महसूस किया कि भव्य रूप से जश्न मनाना अनुचित होगा.‘ उन्होंने कपल के लिए दुआएं भी मांगी.
राजनीति से अलग रही हैं फातिमा
भुट्टो परिवार का पाकिस्तानी राजनीति में एक लंबा इतिहास रहा है लेकिन परिवार की राजनीतिक विरासत के बावजूद, फातिमा भुट्टो ने एक लेखक और एक्टिविस्ट के रूप में अपने करियर पर ध्यान दिया है. वह काफी हद तक राजनीतिक सुर्खियों से बाहर रही हैं और पाकिस्तान में पारंपरिक राजनीतिक प्रणाली की आलोचना करती रही है.
कई किताबें लिख चुकी हैं फातिमा
29 मई 1982 को जन्मी, फातिमा ने कई किताबें लिखी हैं, जिसमें "सॉन्ग्स ऑफ ब्लड एंड स्वॉर्ड" नामक एक संस्मरण शामिल है, जो उनके परिवार के अशांत राजनीतिक इतिहास की कहानी कहता है, और उपन्यास "द शैडो ऑफ द क्रिसेंट मून", जो अफगान सीमा के पास एक छोटे से पाकिस्तानी शहर में लोगों के जीवन की पड़ताल करता है.
अपनी पुस्तकों के अलावा,वह द गार्जियन, द फाइनेंशियल टाइम्स और द न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों में लेख और निबंध लिखती रही हैं.