जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय जगत में समर्थन नहीं मिलने और शर्मिंदगी झेलने के बावजूद पाकिस्तान अपने पुराने झूठे राग को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में परोसने जा रहा है.
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय जगत में समर्थन नहीं मिलने और शर्मिंदगी झेलने के बावजूद पाकिस्तान अपने पुराने झूठे राग को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में परोसने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक उसने कश्मीर पर अपने दुष्प्रचार का 115 पेज का झूठा पुलिंदा तैयार किया है, जिसको शाम तीन बजे जेनेवा में यूएनएचआरसी के 42वें सत्र में वह रखेगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी तीन बजे अपनी बात रखेंगे. पाकिस्तान का जवाब देने के लिए भारतीय समयानुसार साढ़े तीन बजे का वक्त भारत को दिया गया है. भारतीय राजनयिक अजय बिसारिया पाकिस्तान को जवाब देंगे.
पाकिस्तान ने जो झूठा पुलिंदा बनाया है, उसमें कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में भारत के दमन के खिलाफ आंदोलन चल रहा है. पाकिस्तान का दावा है कि कश्मीर में हत्याएं, सर्च ऑपरेशन, यातनाएं आम बात हैं. उसका यह भी कहना है कि भारत सरकार, मीडिया, एनजीओ और अपने थिंक टैंक के इस्तेमाल से पाकिस्तान विरोधी भावनाओं को भड़का रहा है. उसका यह भी कहना है कि भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों की राह में कश्मीर मुद्दा सबसे बड़ा रोड़ा है.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जनरल डिबेट के एजेंडा आयटम 2 के तहत सबसे पहले पाकिस्तान को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय संगठन, जी-7, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और दुनिया के कई बड़े मुल्कों ने आर्टिकल 370 के खत्म होने के मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है.
भारत करेगा पलटवार
पाकिस्तान के जवाब में भारत PoK में मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाएगा. भारत, पाकिस्तान के सिंध-बलूचिस्तान में सेना के दमन का मुद्दा भी उठाएगा. भारत PoK में पाकिस्तानी सेना के अत्याचार को उजागर कर सकता है. बलूचिस्तान, गिलगित, खैबर पख्तूनख्वा में मानवाधिकार उल्लंघन का जिक्र संभव है. हिंदू, सिख पर हो रहे जुल्म का भी जिक्र किया जा सकता है.
जेनेवा में राजनयिक अजय बिसारिया के साथ एक प्रतिनिधिमंडल लगातार इस सिलसिले में सदस्य देशों से मुलाकात कर रहा है. यूरोप, अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका के देशों से बातचीत हो रही है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के कुल 47 सदस्य हैं.
दरअसल पाकिस्तान, कश्मीर मुद्दे पर बहस या प्रस्ताव के लिए कह सकता है. लेकिन भारत की दमदार कूटनीति के कारण अमेरिका, फ्रांस और रूस के समर्थन मिलने की संभावना बेहद कम है. चीन भी पाकिस्तान का पुरजोर समर्थन नहीं कर पाएगा. हांगकांग में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में चीन खुद फंसा है. चीन खुद नहीं चाहेगा कि मामला वोटिंग तक पहुंचे.
'UNHRC में चाहे पाकिस्तान कितना भी 'कश्मीर...कश्मीर' चिल्ला ले, कोई नहीं सुनेगा'
कश्मीर की हकीकत
वैसे भारत ने UNHRC के सेशन से पहले दुनिया को कश्मीर की हक़ीक़त बताई. जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात दुनिया को बताया. जम्मू-कश्मीर में 100% टेलीफोन सर्विस बहाल हो चुकी है. ज़्यादातर इलाकों में मोबाइल सर्विस भी बहाल हो गया है. 10वीं तक सभी स्कूल खुले, परीक्षाओं की तैयारी जारी है. 92% इलाकों में आने-जाने पर कोई पाबंदी नहीं है. हज यात्रा जारी, 10 हज़ार से ज़्यादा यात्री जल्द लौटेंगे. 10,281 ट्रकों के जरिए 1.67 लाख मीट्रिक टन सेब की ढुलाई हुई. जम्मू-कश्मीर में बैंकिंग और एटीएम सेवा भी सामान्य है. दफ्तरों में कर्मचारी लगातार आ रहे हैं. सरकारी कामकाज में कोई दिक्कत नहीं है.
पाकिस्तान में हिंदू-सिख महफूज नहीं
कश्मीर (Kashmir) में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाले पाकिस्तान (Pakistan) में खुद अल्पसंख्यकों के अधिकारों का किस कदर हनन हो रहा है, इसका खुलासा खुद पाक प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के विधायक ने किया है. इमरान खान की पार्टी पीटीआई के पूर्व विधायक बलदेव कुमार ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के चलते भारत में शरण मांगी है. वह इस वक्त अपने परिवार के साथ पंजाब आए हुए हैं.
(इनपुट: सिद्धांत सिब्बल के साथ)