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Wheat Crisis in Pakistan: पाकिस्तान (Pakistan) पिछले दिनों बेशक सऊदी अरब (Saudi Arabia) से 8 बिलियन डॉलर का कर्ज लेने में सफल हो गया है, लेकिन वहां का आर्थिक संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान बेरोजगारी और महंगाई से भी जूझ रहा है. पाक में जरूरी चीजों का उत्पादन भी घट रहा है. इसी कड़ी में एक चौंकाने वाला आंकड़ा निकलकर आया है, जो इस देश में महंगाई को और बढ़ा सकता है. दरअसल, पाकिस्तान में इस साल गेहूं का उत्पादन करीब 30 लाख टन कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है. अगर ऐसा होता है तो गेहूं की कीमत में काफी वृद्धि होगी. वहीं, दूसरी तरफ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) इस समस्या से हर हाल में निपटने का दावा कर रहे हैं.
खैबर पख्तूनख्वा के शांगला जिले की बिशम तहसील में पीएमएल-एन की जनसभा में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि वह गेहूं के कम उत्पादन के मुद्दे पर नजर बनाए हुए हैं. वह किसी भी कीमत पर आटा महंगा नहीं होने देंगे, भले ही इसके लिए उन्हें अपना कपड़ा तक क्यों न बेचना पड़ जाए. उन्होंने लोगों से कहा कि, वह जानते हैं कि आटे की कीमतों को कैसे कम किया जाए. उन्होंने प्रांतीय सरकार को अपने खर्च पर कीमतें कम करने के निर्देश दिए. बता दें कि पाकिस्तान के पीएमओ की ओर से एक आंकड़ा पिछले दिनों जारी किया गया. जिसमें कहा गया कि देश में इस बार 26.173 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन होगा, जबकि लक्ष्य 28.89 मिलियन टन रखा गया था. इन सबसे अलग गेहूं की खपत 30.79 मिलियन टन तक होने का अनुमान लगाया गया है.
पाकिस्तान में गेहूं पर हुए इस संकट के लिए कई चीजें जिम्मेदार हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि सबसे बड़ी वजह पानी, उर्वरक की कमी और समर्थन मूल्य की घोषणा में देरी है. इसके अलावा गर्मी और लू का समय से पहले आना भी बड़ी वजह है. यही वजह है कि गेहूं के उत्पादन में 2 फीसदी तक की गिरावट आई है.
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