Trending Photos
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की इमरान खान (Imran Khan) सरकार का तालिबान (Taliban) प्रेम किसी से छिपा नहीं है. इमरान अफगानिस्तान में आम लोगों का खून बहा रहे तालिबान की पैरवी कर रहे हैं, ताकि दुनिया उसे स्वीकार कर ले. अब एक पाकिस्तानी पत्रकार (Pakistani Journalist) का तालिबान प्रेम भी सामने आ गया है. इस पत्रकार ने तो इमरान से दो कदम आगे बढ़ते हुए ऑन कैमरा तालिबान प्रवक्ता को फ्लाइंग किस (Flying Kiss) दे डाली हैं. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो (Viral Video) में पाकिस्तान (Pakistan) के पत्रकार जमाल फारुखी (Farooqui Jameel) को दिखाया गया है, जो तालिबान सरकार के प्रवक्ता सुलेह शाहीन (Taliban Spokesman Suhail Shaheen) को फ्लाइंग किस दे रहे हैं. वीडियो में फारुखी जमील तालिबानी प्रवक्ता से कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, ‘शाहीन भाई बहुत बहुत शुक्रिया’. इसके बाद वो तालिबानी प्रवक्ता को फ्लाइंग किस देते हैं और बदले में उन्हें भी फ्लाइंग किस मिलती हैं.
A terrorist and a so-called Pakistani journalist exchanging flying kisses. The journalist told the Taliban leader to invite him to Afghanistan for special covering. But journalists in Afghanistan facing humiliation & torture & several lost lives and jobs.
pic.twitter.com/DejuKpVKsd— Arshad Yousafzai (@Arshadyousafzay) December 13, 2021
ये भी पढ़ें -चार महिलाओं की न्यूड परेड कराने के बाद अब PAK में ट्रांसजेंडर से हैवानियत, किया ये हाल
वायरल वीडियो के अंत में जमाल फारुखी अफगानिस्तान जाने की इच्छा भी जाहिर करते हैं. उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है, ‘शाहीन भाई आपको अपने भाई को अफगानिस्तान बुलाना है. फ्री वीजा पर बुलाना है’. यह सुनकर तालिबानी प्रवक्ता के चहरे पर भी मुस्कान आ जाती है. फारुखी सुलेह शाहीन से कहते हैं कि वो अफगानिस्तान आना चाहते हैं ताकि तालिबान सरकार की उपलब्धियों के बारे में बता सकें. वीडियो में दोनों ऐसे नजर आ रहे हैं जैसे उनके बीच काफी समय से घनिष्ट रिश्ते हैं.
पाकिस्तान ही दुनियाभर में एकमात्र ऐसा देश है, जिसने तालिबान का खुले दिल से स्वागत किया है. बाकी देश अभी भी तालिबान को आतंकी संगठन के रूप में देखते हैं. इमरान खान की लाख कोशिशों के बावजूद तालिबान सरकार को को अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिल पाई है. बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू कर दिया है जिसके बाद वहां की महिलाओं की दुर्दशा शुरू हो गई है. उन्हें पढ़ने-लिखने की आजादी नहीं है और ना ही बाहर खुलकर घूम सकती हैं.