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इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक तरफ उनके राजनयिक उनका विरोध कर रहे हैं तो दूसरी ओर चीन (China) की चाटुकारिता के चक्कर में इमरान का विरोध सड़क पर भी हो रहा है. ग्वादर (Gwadar) तक बन रहे चीन के CPEC प्रोजेक्ट के खिलाफ वहां के लोग सड़कों पर उतर चुके हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इस हफ्ते ग्वादर में चीन-पाकिस्तान के खिलाफ इतनी विशाल रैली हुई जो ग्वादर के इतिहास में पहले कभी नहीं हुई.
पाकिस्तान के ग्वादर में महिलाएं सड़क पर हैं. इमरान खान, शी जिनपिंग और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा यानी CPEC प्रोजेक्ट का भारी विरोध हो रहा है. नारे लग रहे हैं कि ग्वादर को हक दो. अब इस आवाज को दबाने के लिए पाकिस्तान ने 13 जिलों से साढ़े 5 हजार सुरक्षाकर्मियों को ग्वादर भेजा है, जबकि पहले से ही वहीं हजारों पुलिसकर्मी तैनात हैं. यानी चीन की खातिर इमरान सरकार अपने लोगों को लाठी और बंदूक के जोर पर चुप कराना चाहती है.
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री दुनियाभर में मजाक का पात्र अगर बन चुके हैं तो इसकी सबसे बड़ी वजह है आतंकवाद से उनका प्रेम. जिस तरह इमरान सरकार ने अफगानिस्तान में तालिबान का खुलकर समर्थन किया, सहयोग किया और पिछले कुछ समय से विदेशों में घूम-घूमकर तालिबान को मान्यता दिलाने की कोशिश कर रही है. उसे देखकर दुनिया का भरोसा इमरान खान से उठ चुका है. इमरान खान नियाजी से दुनिया को उम्मीद थी कि वो आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाएंगे, लेकिन उनके शासन में आतंकवाद पहले से ज्यादा बढ़ा है.
खुद इमरान खान के मुताबिक, 40 से ज्यादा आतंकवादी संगठन और 40 हजार से ज्यादा आतंकवादी पाकिस्तान में सक्रिय हैं. हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादी इमरान राज में ऐशो-ओ-आराम की जिंदगी जी रहे हैं और कश्मीर में आतंकी हमले की साजिश रचने में लगे हैं. इसी हफ्ते जब भारत के पराग अग्रवाल ट्विटर के सीईओ बने तब भी इमरान खान की खूब खिंचाई हुई.
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अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और गले मिले. दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से भी उन्होंने मुलाकात की लेकिन वो इमरान खान से अब तक नहीं मिले और ना ही बात की. जो बाइडेन के इस रुख से इमरान को बहुत दुख पहुंचा है. दुनिया में ये मुद्दा भी इमरान की किरकिरी की वजह बन गया. माना जा रहा है कि इमरान खान के प्रति जो बाइडेन की नाराजगी पाकिस्तान सरकार की टेरर फ्रेंडली पॉलिसी है.
इसके अलावा पाकिस्तान की संसद में 6 महीने पहले जबरदस्त हंगामा हुआ था. इस दौरान हाथापाई भी हुई थी. इमरान खान को विपक्ष ने डंकी राजा का तमगा दिया था. नारे लगे थे कि डंकी राजा की सरकार नहीं चलेगी, नहीं चलेगी. इस्लामाबाद से लेकर सर्बिया तक बीते कुछ समय में जितनी जगहंसाई इमरान खान की हुई है. उतनी शायद ही किसी दूसरे बड़े नेता की हुई हो.
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