Pakistan Economy: पाकिस्तान सरकार का कर्ज सालाना आधार पर 34.1 प्रतिशत वृद्धि के साथ अप्रैल अंत में 58.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है. देश के केंद्रीय बैंक की हाल ही में जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
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Pakistan News: राजनीतिक और आर्थिक संकट का सामना कर रहा पाकिस्तान भारी बाहरी कर्ज, कमजोर स्थानीय मुद्रा और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है. विदेशी कर्ज में डूबे पाकिस्तान के लिए आगे की राह बहुत मुश्किल दिख रही है. चीन और सऊदी अरब की तरफ से मिलने वाली मदद उसके लिए नाकाफी है. यही वजह है कि पाकिस्तान के लिए आईएमएफ से मिलने वाली मदद अब बहुत जरूरी हो गई है. लेकिन आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच भी सबकुछ सही नहीं चल रहा है.
पाकिस्तान को जून में खत्म होने वाले आईएमएफ के लोन कार्यक्रम से पहले 6.7 बिलियन डॉलर का लोन हासिल करना ही होगा. लेकिन आईएमएफ अपनी शर्तों पर अड़ा है. वहीं दूसरी और पाकिस्तान को अपने मित्र देशों से जो कर्ज ले रहा है उसे चुकाना भी सरकार के लिए एक बड़ा मसला है.
कर्ज बढ़कर हुआ इतना
पाकिस्तान सरकार का कर्ज सालाना आधार पर 34.1 प्रतिशत वृद्धि के साथ अप्रैल अंत में 58.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है. देश के केंद्रीय बैंक की हाल ही में जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. समाचार पत्र डॉन में मंगलवार को प्रकाशित एक खबर के अनुसार, कर्ज में मासिक आधार पर 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
खबर के अनुसार, अप्रैल के अंत में घरेलू कर्ज 36.5 लाख करोड़ रुपये (62.3 प्रतिशत) है जबकि बाहरी कर्ज 22 लाख करोड़ रुपये (37.6 प्रतिशत) है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर बाहरी कर्ज में वृद्धि 49.1 प्रतिशत रही.
मुद्रास्फीति रिकॉर्ड स्तर पर
वहीं दूसरी तरफ, रिकॉर्ड-उच्च मुद्रास्फीति के बीच ब्याज दर एक अभूतपूर्व स्तर तक चढ़ गई है. यह देखते हुए घरेलू ऋण चुकाना देश के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. देश के आंकड़ा ब्यूरो के अनुसार, मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में वृद्धि के साथ मुद्रास्फीति स्तर अप्रैल में एक वर्ष में 36.4 प्रतिशत बढ़ गया. यह दक्षिण एशिया में सर्वाधिक है.