Coronavirus New Research: कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से दुनियाभर में मौते हुईं. कोरोना वायरस किस देश और किस जानवर से फैला इसको लेकर अभी तक बहस जारी है. पहले कहा जा रहा था कि कोरोना वायरस चमगादड़ (Bat) की वजह से फैला है. लेकिन अब कोरोना वायरस के सोर्स पर चीनी वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाला दावा किया है. कोरोना महामारी कैसे पैदा हुई, इस सवाल पर शोधकर्ताओं ने लंबे वक्त तक काफी माथा-पच्ची की है. लेकिन 3 साल बाद चीन एक नया दावा सामने लेकर आया है. चीन का दावा है कि कोरोना संक्रमण यानी कोविड चमगादड़ों से नहीं रैकून (Racoon) कुत्तों से फैला है. इसमें खास बात ये है कि चीन ने रिसर्च को सार्वजनिक किया है लेकिन डेटा एनालिसिस शेयर नहीं किया है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
माना जा रहा है रैकून कुत्तों को चीन के वुहान में एक सीफूड बाजार में अवैध रूप से बेचा जा रहा था. WHO ने चीन पर डाटा छिपाने, देर से शेयर करने और पूरी तरह पब्लिक नहीं करने के आरोप लगाए हैं. वहीं, WHO का दावा है कि कुछ वैज्ञानिकों ने डेटा डाउनलोड कर लिया है और उसे स्टडी किया जा रहा है.
WHO के मुताबिक, चीन के CDC ने हाल ही में डेटा अपलोड किया है. चीन से मिले डाटा को एनालाइज किया जा रहा है. जल्दी ही किसी नतीजे पर पहुंच सकेंगे. हालांकि एनवाईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी मात्रा में जेनेटिक मैटेरियल रैकून कुत्ते से मैच हुए. कोरोना वायरस को फैलाने में ये सक्षम माने जाते हैं.
गौरतलब है कि चीनी अधिकारियों ने कोरोना महामारी से जुड़े होने के बाद सीफूड मार्केट को बंद कर दिया था. वहां से जानवरों को हटा दिया था. रिसर्चर्स ने फर्श, स्वाबिंग दीवारों, पिंजरों व गाड़ियों से सैंपल लिए जो जानवरों के पिंजरों के ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल किए गए.
फिलहाल ये कहा नहीं जा सकता कि कोरोना संक्रमण चमगादड़ के जरिए आया या रैकून कुत्तों के जरिए या फिर किसी लैब से लीक हुआ. WHO के मुताबिक, चीन जितना डेटा जारी करता है उससे ज्यादा छिपाता है, जिससे सही विश्लेषण किए जाने में परेशानी आ रही है.
WHO ने कहा कि यह डाटा 3 साल पहले भी शेयर किया जा सकता था. हम चीन से बेहतर कॉर्डिनेशन की उम्मीद कर रहे हैं. अभी भी हमारे पास लिमिटेड जानकारी है. लेकिन चैलेंज ये है कि डेटा हमें वक्त पर नहीं दिया जा रहा.
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