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Shahbaz Sharif chant kashmir raga: पाकिस्तान (Pakistan) में सत्ता भले ही किसी पार्टी की हो उसके हुक्मरान अपनी नाकामी और देश की खस्ता आर्थिक हालात जैसे मुश्किल सवालों का जवाब ढूंढ़ने के लिए कश्मीर की माला जपने (Kashmir Chant) लगते हैं. पहले इमरान खान (Imran) भी यही करते थे और अब इस्लामाबाद (Islamabad) की गद्दी पर बैठे वजीर ए आजम शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) भी यही कर रहे हैं. मुल्क गले तक कर्ज में डूबा है, महंगाई डायन की तरह लोगों को खाए जा रही है लेकिन देश की जनता को राहत देने के बजाए शहबाज, कुछ ज्यादा ही शरीफ बनने की कोशिश करते हुए बचकानी बातें कर रहे हैं.
दरअसल पाकिस्तानी अवाम यानी राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में शहबाज शरीफ ने कहा, 'हमनें जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) को लेकर 5 अगस्त 2019 को लिए गए सभी फैसलों को खारिज कर दिया है. हम चाहते हैं कि दूसरा पक्ष भी उन फैसलों को निरस्त करे ताकि हम इस विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए कारगर कदम उठा सकें.'
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शहबाज शरीफ ने कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति के लिए कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 के फैसले को रद करना जरूरी है. शरीफ ने ये भी कहा कि भारत का यह कर्तव्य है कि वह कश्मीर में 5 अगस्त, 2019 की कार्रवाई को पलट दे, ताकि हम शांतिपूर्ण तरीकों से जम्मू-कश्मीर सहित सभी समस्याओं का निपटारा हो सके.
गौरतलब है कि 5 अगस्त, 2019 को देश की संसद में जम्मू-कश्मीर को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत दिए गए विशेष दर्जे और प्रावधानों को निरस्त कर दिया गया था. इस फैसले के बाद से पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ती ही जा रही है. दो साल बाद भी सीमापार के लोग उसी जगह खड़े हैं और इधर भारत इतनी तरक्की कर चुका है कि कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद दुनियाभर में नई दिल्ली का डंका बज रहा है. उधर लोग कश्मीर-कश्मीर की रट लगाए हुए हैं वहीं भारत एक दो बार नहीं हजारों बार पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया को समझा चुता है कि पूरा कश्मीर ही भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा. बस यही बात पाकिस्तान को समझ नहीं आ रही है.
5 अगस्त 2019 को देश के गृह मंत्री अमित शाह ने देश की संसद में ऐतिहासिक फैसले का ऐलान किया था. वह फैसला था जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने का. जिसके बाद जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट गया.