Flag Hoisting and Flag Unfurling: देश की आजादी के 77 साल पूरे हो रहे हैं और 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से ध्वाजारोहण करेंगे. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने में अंतर है. दरअसल, 15 अगस्त को ध्वजारोहण (Flag Hoisting) किया जाता है, जबकि 26 जनवरी को झंडा फहराया (Flag Unfurling) जाता है. इतना ही नहीं, इन दोनों का तरीका भी अलग-अलग होता है.
15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया जाता है. दरअसल, जब राष्ट्रीय ध्वज को स्तंभ पर नीचे से ऊपर की ओर चढ़ाया जाता है तो इसे ध्वजारोहण कहते हैं. 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश राज यानी अंग्रेजों का झंडा नीचे उतारा गया था और भारतीय तिरंगा ऊपर चढ़ाया गया था.
26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडा फहराया जाता है. इस दौरान झंडा पोल पर पहले से ही ऊपर लगाकर बंधा होता है और फिर फहराया जाता है. झंडे के साथ फूल की कुछपंखुडियां भी बांधी जाती हैं ताकि झंडा फहराया जाए तो पुष्प वर्षा हो.
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर 15 अगस्त 1947 के दिन ध्वजारोहण किया था. इसके बाद से ही हर साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर पर देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं.
26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने झंडा फहराया था. इसके बाद से भारत के राष्ट्रपति कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) पर हर साल 26 जनवरी को झंडा फहराते हैं. इसके बाद भव्य परेड का आयोजन होता है.
तिरंगा हमारे देश की पहचान है और यह भारत को एक आजाद और लोकतांत्रिक देश के रूप में दिखाता है. भारतीय ध्वज में तीन रंग की पट्टियां हैं. इसमें सबसे ऊपर केसरिया पट्टी है, जो भारत की ताकत और साहस का प्रतीक है. बीच में सफेद पट्टी है, जो शांति और सच्चाई का प्रतीक है. सबसे नीचे गहरी हरी पट्टी है, जो हमारे देश की हरियाली, विकास और समृद्धि का प्रतीक है. तिरंगे की सफेद पट्टी के बीच में एक ब्लू रंग का अशोक चक्र है, जिसमें 24 तीलियां हैं. अशोक चक्र देश की गतिशीलता और विकास के चक्र का प्रतीक है.
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