जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधान मंत्री थे जिन्होंने केंद्रीय बजट भी पेश किया था. दरअसल, तत्कालीन वित्त मंत्री टी.टी. कृष्णामाचारी को मुद्रा स्कैंडल नाम आने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था. जिसके बाद प्रधानमंत्री नेहरू ने 1958 में देश का बजट पेश किया था.
साल 1977 से 1979 तक प्रधानमंत्री रहे मोरारजी देसाई ने 1962 के अंतरिम बजट के साथ 1959 से 1963 तक लगातार बजट पेश किया था. इसके अलावा उन्होंने 1967 के अंतरिम बजट के साथ-साथ 1967, 1968 और 1969 का बजट भी पेश किया था. उनके नाम सबसे अधिक केंद्रीय बजट पेश करने का रिकॉर्ड है. मोरारजी ने कुल 10 बजट पेश किए थे. जिनमें से 8 वार्षिक और 2 अंतरिम बजट थे.
1969 में मोरारजी देसाई के इस्तीफा देने के बाद इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनीं. इसके बाद 1970 में बजट पेश करने के बाद इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्रालय का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था. हालांकि, एक साल बाद उन्होंने तत्कालीन गृह मंत्री यशवंतराव चव्हाण को वित्त मंत्री नियुक्त किया.
वित्त मंत्री वी.पी. सिंह को पद से हटाने के बाद प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जनवरी और जुलाई 1987 के बीच थोड़े समय के लिए वित्त मंत्रालय का नेतृत्व किया. इसी दौरान उन्होंने देश का बजट भी पेश किया.
पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे. इस दौरान उन्होंने देश का बजट पेश किया था. 1991 का बजट भारत के सबसे प्रभावशाली बजटों में से एक था. इसी बजट में भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का आह्वान किया गया था. वहीं, 1994 के बजट में सेवा कर लागू किया गया. जो सरकार के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया. मनमोहन सिंह साल 2004- 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे.
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