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दवा खाने से गई रोशनी! एक टैबलेट से अंधा हुआ शख्स; पड़ गए लेने के देने

Man goes blind eye using Viagra: दवाओं का सेवन सोच समझकर करना चाहिए. दवा चाहे बीमारी की हो या शारीरिक कमजोरी की गलत डोज से आपकी जान भी जा सकती है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वियाग्रा लेने के बाद एक शख्स अचानक एक आंख से अंधा हो गया. डॉक्टर्स का मानना ​​है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है.

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वियाग्रा को आमतौर पर मर्दाना कमजोरी की दवा माना जाता है. जिस शख्स की बस एक वियाग्रा गोली खाने से आंखों की रोशनी पर असर पड़ गया वो ईरान (Iran) का रहने वाला है. युवक की उम्र 32 साल बताई गई है. उसने वियाग्रा की छोटी 'नीली वाली गोली' ली थी, जो हमारे आपके मोहल्ले के किसी भी मेडिकल स्टोर में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के आसानी से मिल जाती है. वियाग्रा की इस गोली में सिल्डेनाफिल (Sildenafil) की भरपूर मात्रा थी.

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डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, वियाग्रा की बस एक टिकिया खाते ही दवा ने अपना बुरा असर दिखाना शुरू कर दिया था. डॉक्टर्स ने पीड़ित शख्स की आंख की रोशनी लाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाए, क्योंकि उसकी दाहिनी आंख बुरी तरह से डैमेज हो गई थी, जिससे उस आंख की सारी दृष्टि खो गई. 

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ईरान की राजधानी तेहरान के डॉक्टर ने एक प्रतिष्ठित मैगजीन को उस अज्ञात शख्स के मामले के बारे में बताया है. उन्होंने बताया कि यह इस बात का सबसे मजबूत सबूत है कि दवा लेने से आंखों को नुकसान हो सकता है.

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सिल्डेनाफिल ब्लड वेसल्स में ब्लड फ्लो को बढ़ा देता है. ऐसा माना जाता है कि यह प्रभाव कुछ परिस्थितियों में अनजाने में शरीर की अन्य संवेदनशील वेसल्स जैसे कि आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है. इस केस तो 100mg की गोली घातक साबित हुई. यानी सिल्डेनाफिल लेने के तीन घंटे बाद आदमी की आंख की रोशनी चली गई.

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यह दवा की अधिकतम खुराक थी और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए इसे लेने वाले अधिकांश पुरुषों के लिए रिकमेंडेड डोज से डबल है. अपनी आंख की रोशनी खोने के बाद वह शख्स हॉस्पिटल गया और डॉक्टरों को बताया कि उसने सिल्डेनाफिल ले लिया है. 

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भारत में भी बहुत से लोग इसका बिना डॉक्टर से पूछे अंधाधुंध सेवन करते हैं. उन लोगों के लिए ये घटना एक बड़ा सबक है. दरअसल हर शख्स की शारीरिक क्षमता या इम्यूनिटी अलग-अलग होती है. ऐसे में ऐसी गोलियां बिना पूछे नहीं खानी चाहिए. 

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अपने शरीर को सुरक्षित रखना सबकी इंडिविजुअल जिम्मेदारी है. ऐसे में सावधान रहें, सतर्क रहें, किसी झोलाछाप डॉक्टर के उकसावे में न आएं क्योंकि इस केस से सीख नहीं लेने वालों को बाद में लेने के देने पड़ सकते हैं. 

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